kanpur@inext.co.in kanpur : कोरोना काल ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी छीन ली तो हजारों लोगों की नौकरी और बिजनेस चौपट कर दिया. जिसके चलते बहुत से लोग डिप्रेशन में जी रहे हैं. ये डिप्रेशन ज

- दो युवतियों ने सोशल मीडिया पर नोट लिखने के बाद लगा लिया मौत को गले, घर पर मचा कोहराम, तीन अन्य ने भी दी जान

- >kanpur@inext.co.in

KANPUR : कोरोना काल ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी छीन ली तो हजारों लोगों की नौकरी और बिजनेस चौपट कर दिया। जिसके चलते बहुत से लोग डिप्रेशन में जी रहे हैं। ये डिप्रेशन जान का दुश्मन बन गया है। छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा हो रहा है। मामूली बात पर प्रेस्टीज इश्यू बन रहा है। लोग जान तक दे रहे हैं। बीते 24 घंटे में शहर में सुसाइड के 5 मामले सामने आए हैं। एक एमबीए स्टूडेंट ने फेसबुक पर और दूसरे मामले में युवती ने वाट्सएप पर सुसाइड नोट लिखकर जिंदगी को अलविदा कह दिया। इसके अलावा चकेरी में इंटर का स्टूडेंट भी फंदे पर झूल गया। इन सभी में डिप्रेशन के लक्ष्ाण थे।

1 : 12 वीं की स्टूडेंट ने लगाई फांसी

चकेरी के गायत्री नगर निवासी कलेक्ट्रेट कर्मचारी रामेश्वर प्रसाद के परिवार में पत्नी सावित्री, एक बेटा मोहन और बेटी कामिनी थी। कामिनी 12 वीं की स्टूडेंट थी। कामिनी मई में कोविड पॉजिटिव हो गई थी। ठीक होने के बाद भी वह गुमसुम रहती थी। हाथ पैर कांपने की शिकायत भी करती थी। तमाम जांचें कराई गईं लेकिन कोई बीमारी नहीं निकली। साइकियाट्रिक को दिखाया तो डिप्रेशन की बात बताई गई। ट्यूजडे शाम दवा खाने के बाद कामिनी ने घर का काम किया, उसके बाद कमरे में चली गई। जहां उसने फांसी लगाकर जान दे दी।

2: फेसबुक पर लिखा, अब जीने का मन नहीं

आर्य नगर निवासी सुरेश अग्रवाल के घर उनकी भांजी संगीता एमबीए की तैयारी कर रही थी। संगीता के माता पिता उन्नाव में रहते हैं। कुछ दिन से वह मानसिक रूप से परेशान थी। बीते संडे को उन्नाव से वापस आई थी। दो दिन से वह कुछ अजीब से बातें कर रही थी। ट्यूजडे शाम उन्नाव निवासी पिता से बात की और कहा कि पापा आप बहुत अच्छे हैं। हम लोगों के लिए बहुत मेहनत करते हैं। हम लोग आपका पैसा बर्बाद कर रहे हैं। इस पर पिता ने संगीता को पढ़ाई में मन लगाने को कहा था। मंगलवार रात संगीता ने कीटनाशक पीकर सुसाइड कर लिया। संगीता ने फेसबुक पर भी लिखा है कि अब जीने का मन नहीं है।

3 : कोरोना पॉजिटिव होने से डिप्रेशन

रानीघाट निवासी राजेश कुमार के परिवार में पत्नी सुनैना और बेटी सन्नो थे। परिजनों ने बताया कि जून के फ‌र्स्ट वीक में सन्नो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इन दिनों घर की फाइनेंशियल पोजीशन ठीक नहीं थी। इसलिए सुनैना भी काम पर जाने लगी थी। ट्यूजडे शाम जब सुनैना लौट कर आई तो सन्नो का शव फांसी के फंदे पर टंगा था। परिजनों के मुताबिक सन्नो बीमारी के बाद से परेशान चल रही थी।

--------------------------

सुसाइडल सिम्पटम्स काे पहचानें

- सुसाइड के पहले लोग बड़बड़ाने लगते हैं।

- बहुत अपनत्व की बातें करने लगते हैं।

- लगातार फोन पर भी बिजी रहते हैं।

- जिसे बहुत प्यार करते हैं, उसके पास रहते हैं।

- कई लोगों से माफी मांगते हैं।

- जिनसे कभी बात न करी हो उससे भी बात करना चाहते हैं।

- घर के बाहर नहीं जाते, टीवी और म्यूजिक से दूर रहते हैं।

--------------------------------

ऐसे बच सकते हैं समस्या से

-खुद को अकेला न रखें, दोस्तों व परिजनों के बीच रहें

- मोटीवेशनल बुक्स पढ़ें और मूवी देखें

- जिंदगी से किसी भी कीमत पर हार न मानें

-अपनी परेशानी या दुख दूसरों के साथ शेयर करें

-जहर, असलहा जैसी चीजें घर से हटा दें

-अच्छे साइकियाट्रिक से काउंसिलिंग कराएं

कोरोना के दौर में डिप्रेशन के मामले बढ़े हैं। लोगों में भविष्य को लेकर अनिश्चितता है। इस वजह से उनमें एंजाइटी बढ़ गई है। पुरुषों और महिलाओं में यही हालात हैं। कई बार उनकी काउंसिलिंग तो कुछ मरीजों में मेडिटेशन की जरूरत पड़ती है।

डॉ। गणेश शंकर, असिस्टेंट प्रोफेसर, मनोरोग विशेषज्ञ

Posted By: Inextlive