पहले मांगें पूरी हों फिर होगा अंतिम संस्कार
कानपुर (ब्यूरो) पोस्टमार्टम के बाद ट्यूजडे शाम को आनंद कुमार कुरील का शव गांव पहुंच गया था। सुरक्षा के लिहाज से गांव में फोर्स की तैनाती की गई थी। प्रशासन और पुलिस अधिकारी वेडनसडे सुबह लगभग 9 बजे आनंद के घर पहुंचे और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के लिए कहा। इस पर उनके परिजनों ने कहा कि बर्फ की एक और सिल्ली मंगा लीजिए क्योंकि जब तक मांग पूरी नहीं होगी शव को नहीं उठाया जाएगा। एसडीएम, सीओ समेत अन्य अधिकारियों ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया मगर वह किसी की सुनने को तैयार नहीं थे।
पूरे गांव में फोर्स तैनात
परिजनों ने एक करोड़ मुआवजा, एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी, आवास, सुरक्षा और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग रखी। अधिकारी ने परिजनों को आश्वासन दिया कि जितनी मांगे हैं उन्हें शासन को भेज दिया जाएगा। एसपी कानपुर आउटर अष्टभुजा प्रसाद सिंह ने कहा कि परिवार की सुरक्षा के लिए दोनों बेटों को सुरक्षा दी जाएगी। इसके अलावा गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि पुलिस की टीमें काम कर रही हैं। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
विधायक और कांग्रेस नेता भिड़े
सुबह से ही भाजपा विधायक भगवती प्रसाद सागर गांव में मौजूद थे। उसी दौरान कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष कानपुर ग्रामीण ऊषा रानी कोरी भी मौके पर पहुंचीं। वह पीडि़त परिवार से बात कर रही थीं। उसी दौरान उन्होंने कहा कि विधायक इतने ही सक्रिय होते तो ये घटना नहीं होती। इस पर विधायक भड़क गए और बोले, आपको इतनी चिंता थी तो पहले क्यों नहीं आ गई। मैं तो ट्यूजडे सुबह से पीडि़तों के साथ कार्रवाई कराने में लगा हुआ हूं। कांग्रेसी नेता ने कहा कि उन्होंने ट्यूजडे रात में भी आने का प्रयास किया था मगर पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। दोनों के बीच काफी देर तक नोकझोंक होती रही।
प्रधान, दो दरोगा समेत 13 पर एफआईआर
मृतक की बहू संदीपा की तहरीर पर प्रधान मनीष उसके पिता रामकुमार दीक्षित, दरोगा शेर बहादुर, हल्का इंचार्ज गोपी किशन, श्रीकृष्ण त्रिवेदी उसके बेटे शोभित राजन, गोविंद, चचेरे भाई सुधीर लउआ और एक अज्ञात सिपाही समेत चार अज्ञात के खिलाफ बलवा, मारपीट, धमकी देना, बिना अनुमति घर में घुस जाना, जानबूझकर खतरनाक हथियार से वार करना, आकस्मिक हमला करना, जान से मारने का प्रयास, सरकारी कर्मचारी द्वारा दूसरे को चोट पहुंचाने के लिए कानून का उल्लंघन करना, हत्या और एससीएसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस की चार टीमें आरोपियों को तलाश में लगाई गई है।
घटना के बाद गांव पहुंचे भाजपा विधायक भगवती प्रसाद सागर की पुलिस से तीखी बहस हुई थी। इस पर विधायक धरने पर बैठ गए थे, मामले ने तूल पकड़ा तो अफसरों ने आनन फानन दो दारोगा और दो सिपाहियों को लाइन हाजिर कर मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में इन्हें सस्पेंड कर दिया गया। आरोप है कि बीट के दो दारोगा और सिपाहियोंं की मौजूदगी में वारदात हुई और इसमें ग्राम प्रधान का हाथ है। तहरीर पर दोनों दारोगा और मुख्य आरोपी समेत नौ नामजद, अज्ञात सिपाहियों और चार अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एडीजी जोन भानु भास्कर ने आईजी रेंज को जांच सौंप कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।