एनएसआई में ग्रीन हाइड्रोजन का पहला पायलट प्लांट शुरू
कानपुर (ब्यूरो)। पूरी दुनिया में अपनी टेक्नोलॉजी के लिए मशहूर नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (एनएसआई) में शुगर मिल्स के फिल्टर केक से सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन बनने का पायलट प्लांट शुरू हो गया है। वेडनसडे को इसका शुभारंभ किया गया।
ग्रीन हाइड्रोजन से न सिर्फ फ्यूल का सस्ता व स्थाई विकल्प मिलेगा बल्कि देश को कार्बन इमिशन फ्री बनाने में मदद मिलेगी। देश में पहली बार इसका सक्सेस ट्रायल एनएसआई में हुआ है। डायरेक्टर प्रो। नरेंद्र मोहन ने बताया कि प्लांट को एनएसआई के साइंटिस्ट व सांगली की पेगनिज्म इनोवेशंस प्रा। लि। के सीईओ डॉ। महेश पेगनिस के संयुक्त प्रयास से संचालित किया गया है। यह प्लांट जल्द ही शुगर मिल्स में लगाया जाएगा। जिससे ग्रीन हाइड्रोजन का प्रोडक्शन होगा।92 से 94 फीसदी मीथेन
एनएसआई की शुगर मिल में लगाए गए पायलट प्लांट में टीम रिसर्च करने के बाद सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन बनाने में सफल रही है। डायरेक्टर प्रो। मोहन ने बताया कि फिल्टर केक से कम्प्रेस्ड बायोगैस बनाई गई है, जिसमें 92 से 94 फीसदी मीथेन है। इस मीथेन को विशेष तकनीक रुद्र के माध्यम से ग्रीन हाइड्रोजन व कार्बन में चेंज किया गया है।