72 घंटे बाद भी भडक़ रही आग
कानपुर(ब्यूरो)। बांसमंडी स्थित रेडीमेड गारमेंट मार्केट में तीन दिन पहले भडक़ी आग सब कुछ बर्बाद करने के बाद भी नहीं बुझी है। 72 घंटे बाद भी रह रह कर आग भडक़ रही है। संडे की सुबह आग एक बार फिर तेजी से भडक़ गई। एआर टावर और मसूद काम्प्लेक्स के बैक साइड में शोले उठने लगे। आनन-फानन आगरा से आए हाइड्रोलिक फायर टेंडर के जरिए आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी गई। हालांकि दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हालांकि सुलगना व धुआं उठना लगातार जारी है। आग पर पूरी तरह से कंट्रोल पाने के लिए अब अरजन टॉवर, हमराज सुपर, एआर टॉवर, हमराज काम्प्लेक्स और नफीस टावर के बैक साइड के एरिया में आग बुझाई जा रही है।
आगरा से आया हाइड्रोलिक फायर टेंडर
थर्सडे की देर रात रात डेढ़ बजे लगी आग तीसरे दिन भी धधक रही है। संडे को अरजन टॉवर को छोडक़र बाकी अन्य काम्प्लेक्स में आग अभी भी सुलगती रही। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरफ) और स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरफ) मोर्चा संभाले हुए है। कॉम्प्लेक्स के भीतर दुकानों के शटर और दीवार काटकर पानी डाला जा रहा है, जिससे आग बुझ सके। शनिवार देर रात आगरा से भी हाइड्रोलिक फायर टेंडर मंगाना पड़ा। अब तक आठ जिलों से फायर ब्रिगेड की गाडि़य़ां मंगवाई जा चुकी हैं।
इस आग की चपेट में तीन मकान भी आ गए हैं, लेकिन तीनों ही मकानों में फायर ब्रिगेड की टीम ने आग से होने वाले नुकसान काफी हद तक बचा लिया है। इसके बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें एक मकान की छत से अरजन टावर में पहुंचीं और अंदर दीवारों को काटकर आग बुझाने का काम तेजी से शुरू कर दिया है। एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीमें पिछले 24 घंटे से रेस्क्यू करने में जुटी हुई हैं। वहीं, इस आग की चपेट में स्टेट बैंक भी है। मुख्यालय से आई टीम
आग बुझाने के लिए अन्य डिस्ट्रिक्ट के दमकल कर्मी भी लगे हुए हैं। आगरा से हाइड्रोलिक फायर टेंडर से पहले ऐसी दमकल गाडिय़ां लखनऊ व प्रयागराज व सेना से मंगाई गई थीं। इसके अलावा फायर सर्विस मुख्यालय लखनऊ की 7 सदस्यीय टीम भी आग बुझाने में जुटी रही।
आसपास के मार्केट भी प्रभावित
इस आग की चपेट में आने से व्यापारियों को बड़ा नुकसान हुआ है। डिप्टी पड़ाव से घंटाघर जाने वाले रास्ते पर सभी दुकाने पिछले तीन दिन से बंद हैं। इसके अलावा लाटूश रोड, बांसमंडी, डिप्टी पड़ाव से कोपरगंज जाने वाले रास्तों पर मौजूद दुकानों को आंशिक रूप से बंद कराया गया है। बांसमंडी के रहने अशोक कुमार ने बताया कि उनका बांस लकडिय़ों का काम है, लेकिन पिछले तीन दिनों से दुकान बंद है। ऐसे में उनको काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। यही हाल यहां के आसपास एक किलोमीटर के रेंज में आने वाले व्यापारियों का भी है। जिनकी दुकानें पिछले तीन दिनों से बंद है।
बैंक लॉकर को निकाला बाहर
एसबीआई बैंक के अधिकारियों ने रविवार दोपहर को अपना लाकर परिसर से निकाल लिया है। लाकर में सभी कैबिनेट सुरक्षित मिले हैं। इसके साथ ही एयरकंडीशनर, अलमारी व जरूरी सभी कागजात निकाले गए हैं। बैंक मैनेजर गजेन्द्र सिंह ने बताया कि इस आग में कई कम्प्यूटर जल गए हैं, साथ कांउटर भी आग के चपेट में आ गए हैं। बैंक के लॉकर को क्रेन से नीचे उतारा गया है। साथ अन्य जरूरी सामान व दस्तावेजों को एसबीआई के मुख्य ब्रांच में शिफ्ट किया जा रहा है। अभी जिन खाताधारकों को जरूरत हो वे रेलवे स्टेशन शाखा से लेनदेन कर सकते हैं। जैसे ही दूसरी शाखा खोली जाएंगी, लाकर भी वहां लगा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सारा डाटा और वित्तीय कागजात पूरी तरह सुरक्षित हैं।
- 72 घंटे बाद भी सुलग रही आग
- 05 कॉम्प्लेक्स आए आग की चपेट में
- 03 घरों में भी पहुंची आग
- 30 सदस्यीय एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम संभाले हुए हैं मोर्चा
- 5 दर्जन से ज्यादा फायर ब्रिगेड आग बुझाने में जुटी
- 08 जिलों से मंगवाई गई है फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां
- 2.50 करोड़ लीटर से ज्यादा खर्च हो चुका है पानी
- 1000 से ज्यादा पुलिस और फायर कर्मी जुटे