- जेएनएनयूआरएम के तहत डाली गई थी घटिया पाइप लाइन, 800 से ज्यादा जगहों पर हो चुका लीकेज

- जांच में जल निगम के 26 अधिकारी पाए गए दोषी, दो की डेथ, 16 हो चुके हैं रिटायर

KANPUR: शहर में करोड़ों की लागत से जेएनएनयूआरएम के तहत डाली गई घटिया पाइपलाइन के मामले में जल निगम के तत्कालीन इंजीनियरों के खिलाफ अब कार्रवाई शुरू हुई है। लंबी जांच के बाद सैटरडे को जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर बैरा इकाई शमीम अख्तर ने 24 इंजीनियरों के खिलाफ फजलगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। जांच में जल निगम के 26 अधिकारी दोषी मिले थे। जिसके से दो की मौत हो चुकी है। जिन इंजीनियर्स पर एफआईआर हुई है उनमें 16 रिटायर भी हो चुके हैं। आरोपियों में चीफ इंजीनियर, एक्सईएन, प्रोजेक्ट मैनेजर, प्रोजेक्ट इंजीनियर, असिस्टेंट प्रोजेक्ट इंजीनियर स्तर के अधिकारी शाि1मल हैं।

घटिया काम से करोड़ों डकारे

जेएनएनयूआरएम की कानपुर में पेयजल योजना फेज-1 के तहत गंगा बैराज से कंपनी बाग के बीच पीएससी पाइप लाइन डाली गई। इसके अलावा कंपनी बाग से फूलबाग तक और कंपनी बाग से बारादेवी मंदिर गेट तक जीआरपी लाइन डाली गई। एफआईआर के लिए दी गई तहरीर के मुताबिक प्रोजेक्ट में पीएससी पाइप डाले जाने थे लेकिन आपूर्ति नहीं होने का तर्क देते हुए इसमें बदलाव बिना सीनियर अफसरों की अनुमति के हुआ। पाइप लाइन में जब लगातार लीकेज होने लगे तो जांच में पता चला कि जीआरपी पाइप भी मानक के मुताबिक नहीं थे। पूरे खेल में इंजीनियरों ने करोड़ों रुपए के वारे न्यारे किए।

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इन पर दर्ज हुई एफआईआर-

तत्कालीन प्रोजेक्ट मैनेजर- एसके अवस्थी,एसके गुप्ता, पीसी शुक्ला, एसके गुप्ता

तत्कालीन एक्सईएन - रामसेवक शुक्ला,वाईके जैन

तत्कालीन चीफ इंजीनियर- सूरजपाल, सैय्यद रहमत उल्ला

तत्कालीन कार्यवाहक एक्सईएन- राकेश कुमार चौधरी

तत्कालीन प्रोजेक्ट इंजीनियर- डीएन नोटियाल, एसएस तिवारी, लक्ष्मण प्रसाद, विकास गुप्ता, एमएस खान, अमीरुल हसन, पीके शर्मा

प्रोजेक्ट इंजीनियर बैराज इकाई- दीपक कुमार, मयंक मिश्रा, लालजीत

तत्कालीन असिस्टेंट प्रोजेक्ट इंजीनियर-दिनेश चंद्र शर्मा

तत्कालीन प्रोजेक्ट इंजीनियर,बैराज इकाई- आरके वर्मा, सतवंत सिंह, विपुल ओमरे, सुरेंद्र कुमार।

इनकी हो चुकी मौत-

सैय्यद रहमत उल्ला, एमएस खान

Posted By: Inextlive