सीपीआई फॉर्मूले से ली जाएगी प्राइवेट स्कूलों में फीस
- प्राइवेट स्कूलों में नए सेशन के लिए तैयार की जा रही रणनीति
- कोरोना काल में दौरान बनी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर लिया फैसला - 01 अप्रैल से ज्यादातर स्कूलों में शुरू होना है नया सेशन - 03 साल में 10 से 15 परसेंट तक फीस में होती बढ़ोत्तरीKANPUR: नए सेशन से सीपीआई फॉमूले के तहत स्टूडेंट्स से फीस ली जा सकती है। दरअसल, कोरोना काल की वजह से बनी परिस्थितयों के बाद पेरेंट्स की जेब पर अतिरिक्त बोझ न पड़े इसलिए इस फॉर्मूले को लागू किया जा सकता है। आईसीएसई और सीबीएसई का नियम लागू कर फीस लेना चाहते हैं। दरअसल हर साल जब स्कूलों में फीस बढ़ती है तो यह एवरेज 10 से 15 परसेंट के बीच होती है। बढ़ी हुई फीस को लेकर पेरेंट्स हंगामा भी करते हैं। अब पिछले सेशन में जब सभी संचालकों को कोरोना महामारी का सामना करना पड़ा तो फीस के मुद्दे पर शासन ने ही फैसला कर लिया। पेरेंट्स को किस्तों में फीस जमा करने का मौका दिया गया।
क्या होता है सीपीआई फॉर्मूला?कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अधिनियम में यह व्यवस्था है कि स्कूल सीपीआई इंडेक्स के प्लस पांच परसेंट तक मैक्सिमम अथवा टीचर्स की सैलरी में बढ़ोत्तरी का परसेंट (जो भी कम हो) की सीमा तक फीस में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं।
25 हजार से अधिक स्टूडेंट्स लेते हैं एडमिशन हर साल जिले के प्राइवेट स्कूलों में 25 हजार से अधिक स्टूडेंट्स एडमिशन लेते हैं। इनमें नर्सरी, क्लास फर्स्ट, सेकेंड, थर्ड, फोर्थ, फिफ्थ, सिक्स और नाइंथ और इलेवंथ क्लास में सबसे ज्यादा एडमिशन होते हैं। सीबीएसई से एफिलिएटेड स्कूलों में फीस को लेकर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स का फॉर्मूला लागू होना चाहिए। बाकी जो भी सरकार के निर्देश होंगे, उनका सभी को पालन करना होगा। बल¨वदर सिंह, सिटी कोऑर्डिनेटर, सीबीएसई