अंगीठी जलाकर सोया परिवार, पति-पत्नी और बेटे की मौत
कानपुर (ब्यरो)। जूही में मंडे को बड़ा हादसा हो गया। कमरे में अंगीठी जलाकर सोए परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि दो की हालत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अब उनकी हालत सामान्य बताई जा रही है। मृतकों में पति-पत्नी और बेटा शामिल हैं। पुलिस ने मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं। वहीं, फॉरेंसिक टीम ने इविडेेंस कलेक्ट किए हैं। कमरे में कार्बन-मोनो-ऑक्साइड की पुष्टि हुई है। आशंका है कि दम घुटने से तीनों की मौत हुई है।
लोहे का कारोबार करते थे
बसंती नगर में पूरन चंद्र शर्मा अपने परिवार के साथ रहते थे। ग्राउंड फ्लोर पर लोहे का कारोबार होता है, जबकि फस्र्ट फ्लोर पर एक कमरे में पांच लोग, दूसरे कमरे में राम जी शर्मा का परिवार, एक गेस्ट रूम और एक ड्राइंग रूम है। संडे रात ठंड अधिक होने की वजह से परिवार के पांच लोग एक कमरे में अंगीठी जलाकर सो गए।
दंपती समेत तीन की मौत
नींद के दौरान दम घुटने से 90 साल के पूरन चंद्र शर्मा, उनकी 85 साल की पत्नी मिथिला शर्मा और 50 साल का बेटा नरेंद्र शर्मा की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, मंडे सुबह करीब 8 बजे दूध वाला घर आया। उसके गेट खटखटाने पर नरेंद्र शर्मा की 22 साल की बेटी निमिशा और 18 साल का बेटा ध्रुव उठे। गेट खुलते ही दोनों उल्टियां करने लगे।
भाई-बहन की हालत सामान्य
इसी बीच निमिशा ने पिता और दादा-दादी को उठाया, लेकिन तीनों ने कोई रेस्पांस नहीं दिया। इसके बाद चीख-पुकार मच गई। देखते ही देखते परिवार के और लोग भी आ गए। उन्होंने दोनों भाई बहन को अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने दोपहर को हालत सामान्य होने पर उन्हेें घर भेज दिया।
हादसे में बची निमिशा की शादी 12 फरवरी को तय है। लाठी मोहाल से बारात आनी है। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। घरवालों के मुताबिक, सभी एक साथ अंगीठी की आंच में हाथ सेंके थे। रोज अंगीठी बाहर रख दी जाती थी, लेकिन संडे रात नहीं रखी गई, जिसकी वजह से हादसा हो गया। एक साथ तीन मौतों से घर में मातम छा गया।
कमरे में अंगीठी जलाने का ये है खतरा
अंगीठी जलाने के लिए कच्चे कोयले और लकड़ी का इस्तेमाल होता है। इससे जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है। यह गैस कमरे में मौजूद ऑक्सीजन गैस को रिप्लेस कर देती है। ऑक्सीजन कम होने पर व्यक्ति बेहोश हो जाता है। अगर कार्बन मोनोऑक्साइड ज्यादा इनहेल कर गए तब जान भी जा सकती है। जब यह गैस खून में मिलती है तब हीमोग्लोबिन लेवल घट जाता है। ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने लगती है इससे मौत हो सकती है।