भार्गव हॉस्पिटल में किशोर की मौत पर भड़के परिजन
-फल आढ़ती का एकलौता बेटा था, पेट में दर्द होने पर ले गए थे हॉस्पिटल, इंजेक्शन लगाते ही मौत
-भड़के परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगा हास्पिटल में तोड़फोड़ की, कार्रवाई की मांग पर अड़े -परिजनों की तहरीर पर डॉ। विशाल और डॉ। सिराज के खिलाफ दर्ज की गई रिपोर्टKANPUR : सिविल लाइंस स्थित भार्गव हॉस्पिटल में बुधवार को किशोर की मौत पर भड़के परिजनों ने हंगामा कर दिया। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। स्टॉफ के विरोध करने पर परिजनों का पारा और चढ़ गया। उन्होंने हॉस्पिटल में तोड़फोड़ कर दी और कर्मचारियों की पिटाई कर दी। सूचना पर एसपी लाइन, सिटी मजिस्ट्रेट समेत कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंचा तो गुस्साए लोगों ने उनका घेराव कर दिया। हंगामे की सूचना हॉस्पिटल पहुंची आईएमए प्रेसीडेंट डॉ। आरती लाल चंदानी को भी गुस्साए परिजनों ने करीब तीन घंटे तक बंधक बनाए रखा। आला अधिकारियों ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शान्त कराकर डॉ। आरती को बाहर निकाला।
हालत में नहीं हुआ सुधारअनवरगंज के पान दरीबा के पास रहने वाले सुनील सोनकर फल आढ़ती हैं। उनका एकलौता बेटा गोलू उर्फ हर्षित(12) शीलिंग हाउस में क्लास 5 का स्टूडेंट था। बुधवार को उसके पेट में अचानक दर्द होने लगा। आननफानन में परिजन उसको भार्गव हॉस्पिटल ले गए। जहां डॉक्टर विशाल और सिराज ने उसका चेकअप किया। इसके बाद उसको वार्ड में शिफ्ट किया जाने लगा। इसी बीच उसके पेट में फिर से दर्द होने लगा। नर्स ने डॉक्टर से बात की तो डॉक्टर ने गोलू को इंजेक्शन लगाने के लिए बोल दिया। नर्स ने गोलू के इंजेक्शन लगाया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और उसकी कुछ देर बाद मौत हो गई।
अधिकारियों ने संभाला मोर्चा बेटे की मौत से परिजन भड़क गए। उन्होंने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा कर दिया। इधर, इलाकाई लोग और रिश्तेदार भी हॉस्पिटल पहुंच गए। उन्होंने वहां पर जाते ही तोड़फोड़ शुरू कर दी। सूचना पर एसपी लाइन, सीओ कर्नलगंज और सिटी मजिस्ट्रेट फोर्स समेत मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पीडि़त परिवार को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग करने लगे। अधिकारियों के कार्रवाई का भरोसा दिलाने पर वे शान्त हुए। अधिकारियों के निर्देश पर उनकी तहरीर डॉ। विशाल और डॉ। सिराज के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कर ली गई। आईएमए प्रेसीडेंट को बन्धक बनायाभार्गव हॉस्पिटल में हंगामा का पता चलते ही आईएमए प्रेसीडेंट डॉ। आरतीलाल चंदानी वहां पहुंच गईं। उन्होंने गुस्साए लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वो डॉक्टर पर कार्रवाई की जिद पर अड़े रहे। वो डॉक्टर्स से बात कर रही थीं तभी पीडि़त परिवार के लोगों ने रूम को बाहर से बन्द कर दिया। करीब तीन घंटे तक डॉ। आरती कमरे में कैद रहीं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान डॉ। आरती से पीडि़त के परिजनों ने धक्कामुक्की भी की।