जिला जेल में बंद अपनों से मिलने के लिए अब परिजनों को धक्के नहीं खाने पड़ेंगे. न ही जेल जाने की जरूरत पड़ेगी. वो घर बैठे ही हर हफ्ते बंदी से मुलाकात कर सकेंगे. इसके लिए जेलों को हाईटेक करने का प्लान तैयार किया गया है. जिसमें बंदियों से ऑनलाइन मिलने की भी व्यवस्था की जा रही है. इससे बंदियों की सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाएं करने से जेल प्रशासन को राहत मिलेगी. वहीं दूर दराज से बंदी के परिजनों को किराया भाड़ा खर्च कर जेल तक नहीं जाना पड़ेगा. हालांकि ऑफलाइन मिलाई की व्यवस्था भी जारी रहेगी.

कानपुर (ब्यूरो) कानपुर की जेल हो या यूपी की राजधानी लखनऊ की। हर जेल में क्षमता से तीन गुने बंदी हो गए हैैं। जिसकी वजह से जेल प्रशासन को इनका इंतजाम करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही बंदी और उनके परिजन भी परेशान होते हैैं। बंदी से मिलाई के लिए सोर्स सिफारिश लगाने के साथ मिन्नतें करनी पड़ती हैं। मिलाई के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता है। लड़ाई-झगड़ा, वाद- विवाद भी होता है। इसके बाद जाकर कहीं मिलाई हो पाती है। वक्त की कमी के कारण परिजन अच्छे से मिल भी नहीं पाते हैं। लेकिन नई व्यवस्था में इन सभी परेशानियों से राहत मिल जाएगी।

कोरोना के दौरान प्रयोग
कोरोना काल के दौरान बंदियों से फिजिकली मुलाकात पूरी तरह से बंद थी। जेल प्रशासन ने बंदियों का मनोबल बढ़ाने के लिए और वृद्ध बंदियों में जीने की नई आश जगाने के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया था। वीडियो कॉलिंग के जरिए कैदियों की मुलाकात कराई जा रही थी। इसका फायदा बंदियों और जेल प्रशासन को भी मिला। इसके बाद इस माड्यूल को यूपी की जेलों में लागू करने का प्लान बनाया गया। इसका प्रस्ताव जेल मुख्यालय ने शासन को भेजा था, जो पास कर दिया गया है। जल्द ही बंदियों की मिलाई हाईटेक होगी और लोग जेल में बंद अपनों से घर बैठे िमिलाई कर सकेंगे।

15 लाख से लगेगा सिस्टम
सिविल लाइंस स्थित कानपुर जिला जेल में 15 लाख रुपये खर्च कर हाईटेक ऑनलाइन मिलाई सेंटर बनाया जाएगा। नई प्रस्तावित जेल बनने के बाद सिस्टम की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे और ज्यादा लोग अपने परिजनों से मिलाई कर सकेंगे। इसके लिए जेल प्रशासन ने प्रदेश की जेलों में टेक्नीशियन की भर्ती करनी शुरू कर दी है। नए सिस्टम से बंदियों की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं रहेगी।

ऑन लाइन मिलाई से होने वाले फायदे
- ज्यादा से ज्यादा बंदी मिलाई कर सकेंगे।
- बंदी रक्षकों की जरूरत कम से कम पड़ेगी।
- जेल के स्टाफ और बंदी के परिजनों का समय बचेगा।
- सप्ताह में एक बार मिलेगा ऑनलाइन मुलाकात का मौका।
- पांच से सात मिनट की होगी बंदी की ऑनलाइन मिलाई।
- जेल परिसर बना रहेगा साफ सुथरा, नहीं होगी गंदगी।
- मिलाई के नाम पर वसूली, लेनदेन पर लगेगी रोक
- खाने का सामान आना पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
- जेल के बंदी रक्षकों पर कोई आरोप नहीं लग सकेगा।

इस तरह होगा मिलाई का प्रॉसेस
- हर जिले का जेल प्रशासन जारी करेगा वेबसाइट।
- यूआरएल में डालने पर खुलेगा प्रोफार्मा।
- प्रोफार्मा में भरनी होगी पूरी डिटेल।
- मुलाकात तय होने पर आएगा मैसेज।
- गलत प्रोफार्मा भरे होने पर भी आएगा मैसेज।
- मैसेज में होगा ओटीपी नंबर और समय।
-ऑनलाइन होने पर एंटर करना होगा ओटीपी।
- स्क्रीन पर होगा वह व्यक्ति, जिससे मुलाकात करनी है।

कानपुर जिला जेल सहित प्रदेश की जेलों को हाईटेक करने का प्लान बनाया गया है। जिसके तहत उन जेलों में ऑनलाइन मिलाई की इंतजाम किया जा रहा है, जहां क्षमता से ज्यादा बंदी हैैं।
डॉ। प्रीतिंदर सिंह, आईजी जेल

बंदियों की स्थिति
1245 बंदियों की क्षमता है कानुपर जिला जेल की
3000 से ज्यादा बंदी हैं वर्तमान में जेल में
2500 के करीब पुरुष बंदी हैं जेल में
500 के करीब महिला बंदी भी है जेल में
125 किशोर और 6 बच्चे, 8 विदेशी कैदी

Posted By: Inextlive