कानपुर सेंट्रल पर पकड़ा फर्जी टीसी का गैंग
- अंतर्राज्यीय फ्रॉड गैंग ने युवकों को जाल में फंसाया, 4 से 5 लाख रुपए लेकर दी थी ज्वाइनिंग
- जीआरपी ने 13 फर्जी टीसी सहित 16 लोगों को किया, नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करते थे फर्जी टीसीKANPUR। सेंट्रल स्टेशन पर नकली टीसी यानी टिकट कलेक्टर, नकली पार्सल पोर्टर घूम रहे हैं, जो कभी भी आपको शिकार बना कर ठग सकते हैं, सावधान रहिएगा। ऐसा ही मामला फ्राइडे को सेंट्रल पर जीआरपी व आरपीएफ की ज्वाइंट टीम ने पकड़ा है। जिसमें फर्जी टीसी व पार्सल पोर्टर समेत 13 लोगों का पूरा बैच दबोचा गया है। साथ ही गैंग के अन्य तीन गुर्गो को भी गिरफ्तार किया गया है। अभी ऐसे कितने नकली टीसी व पोर्टर विभिन्न स्टेशनों पर घूम रहे हैं इस बाबत पकड़े गए गिरोह के गुर्गो से पूछताछ चल रही है। पकड़े गए फर्जी टीसी एक इंटरस्टेट फ्रॉड गैंग का शिकार हुए। गैंग ने 4 से 5 लाख रुपए देकर इन्हें फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमा दिया और सेंट्रल पर ड्यूटी पर तैनात कर दिया।
पता चला है कि एक संगठित गिरोह है जो रेलवे की परीक्षा की तैयारी में लगे बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसा लेता है। गिरोह उनसे 4-5 लाख रुपए तक लेकर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर दे देता है। सबसे खास बात यह कि इन सभी नकली टीसी व पार्सल पोर्टरों को रात में ही ट्रेनिंग के नाम पर स्टेशन भेजा जाता है।
कोच नंबर नोट करने की ड्यूटी जीआरपी के मुताबिक फ्राड गैंग के तीन गुर्गो समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फ्राड गैंग के झांसे में फंसे युवकों ने बताया कि 2 जून से उनकी ट्रेनिंग के लिए कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर रात 10 से सुबह 6 बजे की शिफ्ट लगाई थी। उनको ट्रेनिंग के दौरान प्लेटफार्म पर आने वाली ट्रेनों के इंजन को छोड़ कर कोच के नंबर नोट करना था। फ्राड गैंग ने 2 जून से कानपुर सेंट्रल में कुल 13 फर्जी टीसी व पार्सल पोर्टर को रात में तैनात किया था। स्टाफ होने की बात कहीजीआरपी इंस्पेक्टर अजीत कुमार ने बताया की थर्सडे सुबह कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर टीसी पद पर तैनात सुनील पासवान प्लेटफार्म पर पैसेंजर्स की टिकट चेक कर रहे थे। उन्होंने ब्लैक कोट, सफेद शर्ट व ब्लैक पैंट पहने एक युवक को रोका तो उसने स्टाफ होने की बात कही। सुनील ने उससे आईडी दिखाने की बात कही तो उसने बताया की मैं भी टीसी हूं, कानपुर में ही 2 जून को तैनात हुआ है। यह सुन कर सुनील पासवान को शक हुआ। वह उसको लेकर अपनी सीआईटी आफिस ले गए। जहां पूछताछ के दौरान युवक ने 12 और लोगों की ऐसे ही ज्वाइनिंग होने की बात की। फर्जी ज्वाइनिंग का खेल खुलने के बाद रेलवे अधिकारियों ने मामले की जानकारी आरपीएफ व जीआरपी को दी।
रुड़की का प्रापर्टी डीलर भी गैंग में जीआरपी सीओ कमरूल हुसैन ने बताया की पूछताछ के दौरान पता चला की गैंग का मुख्य आरोपी रुद्र प्रताप ठाकुर है। जो इटावा का रहने वाला है। यहां पर पनकी में रूम लेकर रहता है। उन्होंने बताया की फ्राड गैंग के 4.50 लाख रुपए लेकर दो युवक को टीसी पद पर कानपुर में तैनात किया था। पूछताछ में दोनों युवकों ने बताया की रुड़की निवासी प्रापर्टी डीलर राकेश भट्ट के जरिए वह रुद्र प्रताप ठाकुर से मिले थे। उसी ने दोनों की ज्वाइनिंग कराई थी। कई युवकों को बनाया शिकारजीआरपी के मुताबिक रुद्र प्रताप ठाकुर ने दिल्ली स्थित एक एकेडमी में एसएससी की तैयारी करने वाले युवक फर्रुखाबाद निवासी अनुज ठाकुर समेत कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। सभी से चार से पांच लाख रूपए रेलवे में टीसी पद पर तैनात करने के लिए लिया गया है। मुख्य आरोपी रुद्र प्रताप ठाकुर अभी नहीं पकड़ा गया है। उसको व गैंग के अन्य लोगों की तलाश के लिए तीन टीमों को लगाया गया है।
'' इस गैंग ने कितने युवकों के साथ इस तरह का फ्रॉड किया है, इसको लेकर पूछताछ की जा रही है। गैंग का सरगना अभी पकड़ में नहीं आया है, उसके पकड़े जाने पर कई राज खुलेंगे.'' कमरूल हुसैन सीअो जीआरपी हाईलाइट्स - 13 टीसी व पार्सल पोर्टर के अलावा गैंग के तीन गुर्गो समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया - 2 जून से उनकी ट्रेनिंग के लिए सेंट्रल स्टेशन पर रात 10 से सुबह 6 बजे की शिफ्ट लगाई थी - 4.50 लाख रुपए लेकर गैंग ने दो युवकों को टीसी पद पर कानपुर सेंट्रल में तैनात किया था - 5 युवकों को टीसी व 8 युवकों को पार्सल पोर्टर पद पर गैंग ने ज्वाइनिंग लेटर दिया था - 3 टीमें जीआरपी की लगाई गई हैं गैंग के सरगना व अन्य मेंबर्स को गिरफ्तार करने के लिए इनकी हुइर्1 गिरफ्तारी नाम - पतादिनेश कुमार - अजबपुर देहरादून
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