स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2019 में तत्कालीन नगर आयुक्त संतोष शर्मा के कार्यकाल में पब्लिक टॉयलेट बनाने का काम शुरू हुआ था. छह जोन में 600 से अधिक टॉयलेट बनाए जाने थे.

कानपुर (ब्यूरो)। पब्लिक टॉयलेट निर्माण घोटाले के मामले में फेक साइन कर पेमेंट को लेकर महापौर प्रमिला पांडेय ने वेडनेसडे को चेक पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही उन्होंने योजना के तहत बने सभी टॉयलेट की फाइलें भी तलब की हैं। योजना में पेमेंट पर रोक के बावजूद एक फाइल की चेक बनने के बाद ट्यूजडे को मामला सामने आया था। जिसके बाद नगर निगम में हडक़ंप मचा हुआ है।

करप्शन की वजह से रोक

स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2019 में तत्कालीन नगर आयुक्त संतोष शर्मा के कार्यकाल में पब्लिक टॉयलेट बनाने का काम शुरू हुआ था। छह जोन में 600 से अधिक टॉयलेट बनाए जाने थे। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि उस दौरान हुए करप्शन की वजह से तत्कालीन अधिकारियों ने ठेकेदारों के पेमेंट पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद से ही ठेकेदार अपनी फाइलों का भुगतान कराने के लिए अधिकारियों के पीछे पड़े हैं। ट्यूजडे को सामने आया कि एक ठेकेदार माजिदा शबनम को आवंटित काम के बदले 3.76 लाख का पेमेंट हो गया। जांच की गई तो पता चला की नगर स्वास्थ्य अधिकारी के हस्ताक्षर ही फर्जी हैं। जिसके बाद महापौर ने इस मामले में जांच बैठा दी है। महापौर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को जांच कर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं।

Posted By: Inextlive