मदद के बहाने, खातों में सेंध
- ऑनलाइन ठगों का घिनौना चेहरा आ रहा सामने
- ऑक्सीमीटर, रेम्डेसिविर और दवाओं को सस्ते दामों में दिलाने के नाम पर हो रही डिजिटल धोखाधड़ी - फेसबुक पर एड देकर डिजिटल धोखाधड़ी करने वाले जालसाजों का गैंग है एक्टिव, जरा सी चूक देखकर उड़ा देते हैं रकम - 450 रुपए में अवलेबल होने का फेसबुक पर एड देखकर किया था आर्डर - 11 हजार रुपए एड के लिंक पर क्लिक करते ही खातों से निकल गए >kanpur@inext.co.inKANPUR : अगर आप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। तो आप यह खबर जरूर पढ़ लें। दरअसल, कोविड काल में कोरोना से लड़ने में यूज होने वाली चीजों के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी शुरू हो गई है। ताजा मामला फेसबुक पर दिखाए जाने एड से जुड़ा है। फेस बुक पर ऑक्सीमीटर और रेम्डेसिविर और कोरोना से जुड़ी दवाओं के नाम पर एड दिखाया जा रहा है। जो कम कीमत पर कोविड 19 से लड़ने के इन हथियारों को उपलब्ध करा रहे हैं। ये कोई एजेंसी का एड नहीं बल्कि फेक आईडी पर बनाए गए पेज पर ठगों का दिया विज्ञापन है। जिससे इन ठगों ने इस इमरजेंसी में लोगों को ठगने का न सिर्फ प्लान बनाया है। बल्कि कुछ लोग इनके झांसे में आ भी गए हैं। कम कीमत का झांसा देकर ठग खाते से रुपए निकाल रहे हैं।
पहला मामला : ऑनलाइन लिंक पर क्लिक करते ही रुपए पार कल्याणपुर के मकड़ीखेड़ा निवासी राहुल के मुताबिक कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से वे घर के लिए ऑक्सीमीटर खरीदने की कोशिश कर रहे थे। पहले मेडिकल स्टोरों में जाकर पता किया तो 1500 से ज्यादा कीमत बताई। इस बीच फेसबुक पर उन्होंने एक विज्ञापन देखा। इसमें करीब साढ़े चार सौ रुपए कीमत देखकर उन्होंने ऑनलाइन ही आर्डर देने का मन बनाया। ¨लक पर क्लिक करने के बाद जैसे ही उन्होंने खाते संबंधी डिटेल भरा, तभी खाते से 11 हजार रुपए पार हो गए। मोबाइल पर ट्रांजेक्शन का मैसेज आने पर उन्हें जानकारी हुई। तब उन्होंने थाने में गुहार लगाई और साइबर सेल पहुंचे। दूसरा मामला : 900 रुपए में रेम्डेसिविर के नाम पर ठगीपनकी के सुंदर नगर निवासी विवेक दीक्षित ने पुलिस को बताया कि दिल्ली में रहने वाले उनके रिश्तेदार भुवन ने रेम्डेसिविर का इंतजाम करने के लिए कहा था। 24 अप्रैल को काम करते समय फेसबुक पर उन्होंने एड देखा। जिसमें 900 रुपए में ऑनलाइन रेम्डेसिविर दिया जा रहा था। भुवन से बात कर उन्होंने ऑन लाइन ऑर्डर कर दिया। इसी दौरान उनकी पर्सनल मेल पर एक लिंक आया और उसमें डिटेल भरने के लिए कहा गया। अभी वे अपनी मेल पर डिटेल भर ही रहे थे कि उनके अकाउंट से 21 हजार रुपए निकल गए। उन्होंने जानकारी थाने के साथ साइबर सेल को दी है।
ऑनलाइन आर्डर देने से पहले चेक कर लें कल्याणपुर एसीपी दिनेश कुमार शुक्ला ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए अपराधी फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों से अपील है कि वह ऑनलाइन कोई भी ऑर्डर देने से पहले कंपनी की अधिकृत वेबसाइट व फोन नंबरों को देख लें। इसी तरह बाजार में भी अगर कहीं ओवर रेट पर सामान मिलने की जानकारी मिले तो तत्काल पुलिस प्रशासन को सूचना दें। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इन बातों का रखें ध्यान - ईनाम, बोनस प्वाइंट, कैश बैक आदि का लालच देकर कोई खाते से संबंधित जानकारी मांगे तो हर्गिज न दें। - कोई भी प्रोडक्ट ऑनलाइन खरीदते या बेचते समय भुगतान संबंधी सावधानी बरतें। अधिकृत वेबसाइट पर ही संपर्क करें। - ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर में अवरोध होने पर कंपनी का नंबर गूगल पर सर्च न करें, कंपनी की वेबसाइट पर जाएं- आधार कार्ड से पैसा निकालते समय ¨फगर ¨प्रट जरूरी है, ¨फगर ¨प्रट का उपयोग करते समय सावधानी बरतें।
- मोबाइल फोन पर किसी अंजान की ओर से भेजे गए क्यूआर कोड या ¨लक को ओपन न करें। - नेट बैं¨कग का इस्तेमाल सार्वजनिक स्थान पर लगे वाइफाइ से न करें। साइबर कैफे पर भी खाता ओपन न करें। - फेसबुक पर अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें और न ही उसे अपने गोपनीय दस्तावेज दें।