डिस्ट्रिक इलेक्शन कमीशन ने कानपुर पर लगा कम वोटिंग का दाग मिटाने के लिए इस बार 70 परसेंट के पार का टारगेट रखा था. लेकिन पोलिंग शुरू होते ही कई बूूथ पर ईवीएम व वीवीपैट खराब होने की कंप्लेन कंट्रोल रूम में आना शुरू हो गई. मशीन खराब होने के चलते कई बूथ पर वोटिंग देरी से शुरू हो सकी. सुबह मॉक पोल के बाद बूथ पर वोटिंग शुरू नहीं हो सकी.

कानपुर (ब्यूरो)। डिस्ट्रिक इलेक्शन कमीशन ने कानपुर पर लगा कम वोटिंग का दाग मिटाने के लिए इस बार 70 परसेंट के पार का टारगेट रखा था। लेकिन पोलिंग शुरू होते ही कई बूूथ पर ईवीएम व वीवीपैट खराब होने की कंप्लेन कंट्रोल रूम में आना शुरू हो गई। मशीन खराब होने के चलते कई बूथ पर वोटिंग देरी से शुरू हो सकी। सुबह मॉक पोल के बाद बूथ पर वोटिंग शुरू नहीं हो सकी।

हालांकि मास्टर ट्रेनर के ईवीएम मशीन के चेंज करने के बाद पोलिंग सेंटर वोटिंग का प्रोसेस शुरू हुआ। वहीं कई बूूथ पर बेहद धीमी गति से वोटिंग की कंप्लेन भी आनी शुरू हुई। जिसको लेकर सेक्टर मजिस्ट्रेट व एआरओ ने बूथ पर पहुंच कर जांच पड़ताल की। अधिकारियों का कहना था कि वोटिंग धीमी गति से नहीं बल्कि वोटर्स के डॉक्यूमेंट्स को चेक करने में ज्यादा समय लगने के कारण देरी हुई।

वोटर लिस्ट में नाम व पर्ची न मिलने की कंप्लेन
वोटिंग शुरु होने के बाद ही कंट्रोल रूम में दिन भर वोटर लिस्ट की पर्ची न मिलने और वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की कंप्लेन भी आती रही। वोटर लिस्ट से पर्ची न मिलने की कंप्लेन पर असेसमेंट पोलिंग बूूथ पर वोटर से संपर्क करने के लिए कहा गया। जिसके बाद वोटर लिस्ट में उनके नाम को तलाश कर दूसरे बूूथ पर उनका वोट कराया गया। इसके अलावा कई जगहों पर पोलिंग बूथ में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती न होने और बूथ पर टॉयलेट न होने की भी कंप्लेन आई।

Posted By: Inextlive