शुक्रवार को शहर में हुए सांप्रदायिक बवाल की जांच में चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. जिन पत्थरबाजों की तस्वीरें सीसीटीवी फुटेज या मीडिया फुटेज में दिखाई दे रही हैैं उनमें से अधिकतर इस इलाके के रहने वाले नहीं है. दूसरे पत्थरबाज ठेले पर पत्थर लेकर आ रहे हैैं. इससे पुलिस का अनुमान है कि बवाल की रूपरेखा पहले से ही तय की गई थी. शासन को भेजी गई खुफिया रिपोर्ट में भी एजेंसी ने इसका जिक्र किया है. इससे पुलिस की परेशानी बढ़ गई है. शहर के अतिसंवेदनशील इलाको के थाना प्रभारियों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है.

कानपुर(ब्यूरो)। शुक्रवार को शहर में हुए सांप्रदायिक बवाल की जांच में चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जिन पत्थरबाजों की तस्वीरें सीसीटीवी फुटेज या मीडिया फुटेज में दिखाई दे रही हैैं उनमें से अधिकतर इस इलाके के रहने वाले नहीं है। दूसरे पत्थरबाज ठेले पर पत्थर लेकर आ रहे हैैं। इससे पुलिस का अनुमान है कि बवाल की रूपरेखा पहले से ही तय की गई थी। शासन को भेजी गई खुफिया रिपोर्ट में भी एजेंसी ने इसका जिक्र किया है। इससे पुलिस की परेशानी बढ़ गई है। शहर के अतिसंवेदनशील इलाको के थाना प्रभारियों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।

सपा नेता निजाम कुरैशी भी
बवाल में ऑल इंडिया जमीअतुल कुरैशी एक्शन कमेटी के पदाधिकारी निजाम कुरैशी का भी नाम सामने आया है। निजाम संस्था का जिला अध्यक्ष होने के साथ सपा का महानगर सचिव भी है। अब सपा उसे बर्खास्त करने की तैयारी में है। निजाम कुरैशी का समाजवादी पार्टी के विधायकों और अन्य बड़े नेताओं के साथ उठना बैठना है। एफआईआर में पुलिस ने उस पर भी मुकदमा दर्ज किया हुआ है।

बंदी की आड़ में साजिश
पुलिस के मुताबिक बाजार बंदी की आड़ में बवाल की साजिश रचने में निजाम भी शामिल था। तीन जून का दिन इसलिए भी चुना गया था क्योंकि पता था कि इस दिन कानपुर में देश राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री रहेंगे। निजाम ने बंदी की पूरी रणनीति अपने समुदाय के लोगों के साथ नई सडक़ से जुड़े इलाकों चमनगंज, बेकनगंज, बकरमंडी, तलाक महल, दादा मियां के हाते के साथ साथ रेल बाजार, फेथफुल गंज और पेच बाग में कई बैठकें की थीं। इस दौरान उसने अपनी कमेटी के कई सदस्यों को पूरी रणनीति समझाई और कब क्या करना है? इस बारे में जानकारी दी। सीएस, एनआरसी के समय हुए दंगे में भी इस कमेटी का नाम सामने आया था। सपा के नगर अध्यक्ष डॉ। इमरान से बात की तो उन्होंने बताया कि निजाम कुरैशी पार्टी के नगर सचिव हैं। वो अपनी एक संस्था चलाते है जिसका समाजवादी पार्टी से लेना देना नहीं है। हम लोग निजाम को निष्कासित करने की तैयारी कर रहे हैं।

चंद्रेश्वर हाता था टारगेट
जिस नई सडक़ पर हिंसा का दौर शुरू हुआ। उसमें सबसे पहला निशाना चंद्रेश्वर हाता में रहने वाले लोग बने। मिली जानकारी के अनुसार कई सार्लो से कई मुस्लिम व्यापारी हाते को खरीदना चाहते हंै लेकिन इसके मालिक इसे बेचने को तैयार नहीं है। हाते में करीब 101 हिन्दू परिवार दशकों से रह रहे है। कई दशकों से इस हाते पर किसी भी तरह कब्जे की कोशिश की जा रही है।

Posted By: Inextlive