थाने चौकी भी नहीं सुरक्षित तो शहर की क्या बात करें
कानपुर (ब्यूरो)। कमिश्नरेट पुलिस के पास पूरे शहर में लूट, चोरी और अन्य अपराध रोकने की जिम्मेदारी है। लेकिन, हालात ये हैं कि थाने और चौकी ही सुरक्षित नहीं हैं। कहीं थाने में चोरी हो रही है तो कहीं चौकी के पास खड़े जब्त वाहनों में आग लग रही है। जी हां, संडे को चौबेपुर थाने के अंदर खड़ा ट्रक गायब हो गया और किसी को भनक तक नहीं लगी। वहीं फूलबाग चौकी से चंद कदमों पर पुलिस द्वारा जब्त किए वाहनों में किसी ने आग लगा दी। जिसमें 11 वाहन जल गए। आए दिन थाना-चौकी में वारदातें और पुलिसकर्मियों के ही चोरी और लूट की वारदातों में शामिल होने की खबरें आती रहती हैं। ऐसे में सवाल तो उठना लाजिमी है कि थाने चौकी सुरक्षित नहीं तो आम आदमी का क्या हाल होगा. दो दिन पहले आरटीओ ने सीज किया था ट्रक थाने के अंदर से पूरा का पूरा ट्रक चोरी होने से विभाग में हडक़ंप मच गया। इस ट्रक को दो दिन पहले ही आरटीओ ने सीज करके थाने में खड़ा किया था। थाने से चोरी हुए ट्रक की जानकारी सीनियर ऑफिसर्स को हुई तो पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि सुई, पेन, मोबाइल या पैसा चोरी नहीं हुआ, थाने के अंदर से पूरा ट्रक गायब हुआ है। आखिर बिना पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के ये कैसे संभव है? रात को वाहन बन जाते हैं बार फूलबाग पुलिस चौकी से चंद कदम की दूरी पर ये वाहन खड़े किए गए थे, एक तरफ चौकी तो दूसरी तरफ सुलभ शौचालय होने की वजह से यहां देर रात से शराब पीने वाले इकट्ठा होने लगते हैैं। इन कारों में शराब पी जाती है और दिन ढलने पर तमाम नशेबाजों का अड्डा भी इन्हीं कारों में होता है। शनिवार रात भी यही सब हो रहा था। अचानक किसी ने नशेबाजी के दौरान जलती हुई सिगरेट गाडिय़ों में फेंक दी, जिससे देखते ही देखते आग लग गई। एक कार, दो कार, तीन कार और देखते ही देखते 10 कारें जलकर राख हो गईं. सूचना पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड सूचना पर पहुंची फीलखाना पुलिस और फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया, लेकिन जब तक आग बुझती, तब तक वाहन जलकर राख हो गए थे। सीएफओ दीपक शर्मा ने बताया कि कोई जनहानि नहीं हुई है लेकिन वाहन जलकर राख हो गए हैैं. कई थानों में खड़े हैं सैकड़ों वाहन कोहना, कर्नलगंज, काकादेव, कलक्टरगंज और किदवई नगर समेत कमिश्नरेट में ऐसे एक दर्जन से ज्यादा थाने हैैं। जहां जगह कम है लेकिन जब्त वाहनों की संख्या सैकड़ों से ज्यादा है। आपको बताते चलें कि शासन से थाने में खड़े इन वाहनों के निस्तारण के आदेश हो चुके हैैं, जिसके बाद भी थाना प्रभारी इन वाहनों का निस्तारण नहीं कर रहे हैैं.