जन औषधि केंद्रों पर जरूरी दवाएं खत्म
-विटामिन, सर्जिकल, डिलीवरी से जुड़ी दवाएं महंगे दामों पर खरीदने को मजबूर हैं तीमारदार
-कोविड संक्रमण के कारण कई-कई बार डिमांड भेजने के बाद भी नहीं मिल रहा है स्टॉक KANPUR: मरीजों को सस्ती दवाएं आसानी से उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा जन औषधि केंद्र की शुरुआत की गई थी। जेनेरिक दवाओं के इन केंद्रों पर मरीजों को 90 फीसदी तक सस्ती दवाएं मिलती हैं। लेकिन कोविड संक्रमण के कारण स्टॉक सप्लाई नहीं हो पा रही है। ज्यादातर जन औषधि केंद्र में सिर्फ चु¨नदा दवाएं ही मिल रही हैं। सस्ती दवाओं की आस लेकर केंद्रों से लौटने वाले मरीज व तीमारदार महंगी दवाओं से परेशान हो रहे हैं। लंबे समय से खत्मपरेड स्थित उर्सला अस्पताल में बने जन औषधि केंद्र पर वर्तमान में लगभग 150 तक ही दवाएं उपलब्ध हैं। जबकि कोविड से पहले इस सेंटर पर लगभग सभी मर्ज की 300 से ज्यादा दवाएं आसानी से मिल जाती थीं। केंद्र पर कार्यरत शशांक ने बताया कि कोविड काल में सबसे ज्यादा डिमांड विटामिन, मल्टी विटामिन दवाओं की है जिनकी सप्लाई लंबे समय से नहीं हो रही है। कुछ ऐसा ही हाल डफरिन स्थित जन औषधि केंद्र का मिला। केंद्र में कार्यरत भूषण शर्मा ने बताया कि सर्जिकल और सेनेटरी नैपकिन लंबे समय से केंद्र पर नहीं मिल रहा है जबकि डफरिन में ज्यादातर इन्हीं की मांग रहती है। इसके साथ ही विटामिन और महिलाओं के प्रसव व ऑपरेशन से जुड़ी कई प्रकार की दवाएं लंबे समय से खत्म हैं। स्टॉक नही आ रहा है। कई बार ऑनलाइन स्टॉक की मांग की जा रही है लेकिन हर बार सीमित दवाएं ही मिल रही हैं।
मायूस होकर लौट रहे जन औषधि केंद्रों पर दवा लेने पहुंचे मरीज व तीमारदारों के मुताबिक सस्ती दवाएं सिर्फ सपना बनकर रही गई है। उर्सला सेंटर में पहुंची गजाला ने बताया कि वे कई बार जन औषधि केंद्रों से सभी दवाएं नहीं मिल पाने के कारण लौट चुकी हैं। आधी दवाओं को लेने के लिए मेडिकल स्टोर जाना पड़ता है और अधिक कीमत चुकानी पड़ती है। वहीं, डफरिन अस्पताल के सेंटर में पहुंची नूरजहां ने बताया कि प्रसव से जुड़ी कोई भी दवा केंद्र पर नहीं मिली। अधिक कीमत पर अन्य मेडिकल स्टोर्स से दवा खरीदना मजबूरी है।