वैपेंस की टेस्टिंग के होंगे इलेक्ट्रानिक टारगेट
- आर्डिनेंस फैक्ट्रीज इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निग, नागपुर के प्रिंसिपल डायरेक्टर पहुंचे कानपुर
- चांदमारी फायरिंग रेंज का किया निरीक्षण, फायरिंग वे को और माडर्न बनाने पर दिया जोर KANPUR: स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री में बनने वाले हथियारों की टेस्टिंग और ट्रॉयल के लिए फायरिंग रेंज में सुविधाओं को और बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए इलेक्ट्रानिक टारगेट को शामिल करना चाहिए। फायरिंग वे को और माडर्न बनाएं। यह बातें इंडियन आर्डिनेंस फैक्ट्रीज इंस्टीटयूट ऑफ लर्निग, नागपुर के प्रिंसिपल डॉयरेक्टर एमके गर्ग ने कही। वह ट्यूजडे को एसएएफ के निरीक्षण के लिए आए थे। वह चांदमारी में फायरिंग रेंज भी गए। हथियारों की डिमांड बढ़ेगीएसएएफ का निरीक्षण कर रहे एमके गर्ग ने कहा कि छोटे हथियारों की डिमांड फ्यूचर में बढ़ेगी। ऐसे में वर्कलोड में कमी नहीं होगी। सेना और रिजर्व फोर्सेस के साथ कई प्रदेशों में पुलिस के मार्डनाइजेशन के लिए नए हथियार मुहैया कराए जा रहे हैं। जोकि एसएएफ में बन रहे हैं। इनकी क्वालिटी बेहतर हो यह जरूरी है।
हथियारों की डिमांड बढ़ीयही एक वजह है जिसके कारण होम मिनिस्ट्री से जुड़े अर्ध सैनिक बलों में इन हथियारों की डिमांड बढ़ी है। एमके गर्ग पहले भी एसएएफ के जीएम रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि जेवीपीसी, मैगगन 7.62 एमएम, एलएमजी 5.56 एमएम, कार्बाइन, एलएमजी बेल्ट फेड के साथ कई तरह के रिवॉल्वर जो हम बना रहे हैं। वह अब इंटरनेशनल लेवल पर स्थापित हो चुके हैं। एमके गर्ग ने डीजीक्यूए के चांदमारी अनुभाग में प्रूफ किए जा रहे हथियारों का भी निरीक्षण किया।
बॉक्स मार्डनाइजेशन के प्रयासों की सराहना कर्नल अमित शर्मा से बात करते हुए उन्होंने प्रूफ रेंज के मार्डनाइजेशन के प्रयासों की सराहना की। इस दौरान एसएएफ के जीएम एके मौर्या, लेफ्टिनेंट कर्नल वीपी सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल अनिमेष रॉय, घनश्याम त्रिपाठी, नंदलाल वर्मा, मानसिंह मीना प्रमुख रूप से मौजूद रहे।