जुलाई 2020 में चौबेपुर के बिकरू गांव में हुए पुलिस हत्याकांड के मुख्य आरोपियों को भगाने में मददगार अभिषेक दुबे नाम के युवक को पनकी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया. पुलिस ने उसके खिलाफ 25 हजार रुपए का इनाम रखा था. शिवली में रहने वाले अभिषेक दुबे उर्फ छोटू को शिवली से गिरफ्तार किया गया. वह घटना के बाद पिछले साल से ही फरारी काट रहा था.आरोप है कि छोटू ने बिकरू में पुलिस हत्याकांड के बाद विकास दुबे और उसके साथी अमर दुबे व प्रभात मिश्रा को अपने पिता की स्विफ्ट डिजायर कार से भागने में मदद की थी. तीनों को उसने रसूलाबाद में छोड़ा था.


कानपुर (ब्यूरो) पूछताछ में पता चला है कि उसने आरोपियों की मदद अपने दोस्त विष्णु के कहने पर की थी। इस दौरान विकास दुबे को असलहे भी मुहैया कराए गए थे.मामले में विष्णु और उसका जीजा राधे पहले ही जेल में हैं। मालूम हो कि बिकरू कांड के गुनहगारों को घटना के बाद फरार होने में जिन लोगों ने मदद की थी। उसे लेकर कानपुर एसटीएफ यूनिट की ओर से कुछ और तथ्य भी सामने आए थे। विकास दुबे के हथियार एमपी में बेचे जाने की कोशिश में 7 लोगों को पकड़ा था। जिसमें से राधे और विष्णु भी थे। इनसे पूछताछ में ही विकास दुबे के फरार होने की कहानी सामने आई थी। पनकी थाना प्रभारी अंजय कुमार सिंह ने आरोपी छोटू से घटना में प्रयुक्त कार को बरामद करने का भी दावा किया है।

जय की कहानी फेल?
मालूम हो कि विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने पिछले साल दावा किया था कि उसने अपनी लग्जरी गाडिय़ों के जरिए ही वारदात के बाद विकास दुबे को भगाने में मदद की थी और उसे घटना से पहले असलहे व कारतूस भी बरामद कराए थे,लेकिन जब एसटीएफ ने विकास दुबे की वारदात में प्रयुक्त अमेरिकन स्प्रिंग फील्ड रायफल को बरामद करते हुए 7 आरोपियों को अरेस्ट किया तो विकास दुबे के भागने की दूसरी कहानी सामने आई। जय बाजपेई पर विकास दुबे की काली कमाई को खपाने के भी आरोप हैं। साथ ही उस पर कई और भी मामले दर्ज हैं। वह अभी माती जेल में बंद है।

Posted By: Inextlive