25 हजार का ईनामी दुर्दात दुबे का भाई दीपक पुलिस के राडार से दूर
- चार महीने से दो जिलों की हाईटेक पुलिस को दे रहा है धोखा
- दीपक की सेमी ऑटोमेटिक रायफल से चलाई थी दुर्दात दुबे ने गोलियां > KANPUR : मुठभेड़ में मारे गए गैंगेस्टर विकास दुबे का भाई दीपक दुबे पुलिस के हाथ नहीं आ रहा है। या ये कहें कि पुलिस उसको पकड़ने का प्रयास नहीं कर रही है। शहर पुलिस ने तो बिकरू कांड के मुख्य केस में आरोपी ही नहीं बनाया है। उस पर दो केस लखनऊ में दर्ज कर 25 हजार का ईनाम घोषित किया गया है। पिछले सप्ताह फर्जी शपथ पत्र व फेक आईडी पर सिम लेने के मामले में केस दर्ज किया गया है। पिछले चार महीने से दो जिलों की पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकी है। 35 आरोपी जेल मेंबिकरू गांव में दो जुलाई की रात विकास दुबे व उसके साथियों ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की थी। इस मामले में पुलिस 35 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। वहीं विकास समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर किया था। मगर इस पूरे कांड में विकास के भाई दीपक तक आंच नहीं पहुंची थी। जबकि पुलिस का कहना था कि उसी की सेमी ऑटोमैटिक राइफल से विकास ने पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाईं थीं। बाद में लखनऊ पुलिस ने उस पर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। ईनाम भी घोषित किया। इधर चौबेपुर थाने में उस पर दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। मगर पुलिस सुस्त पड़ी है। गिरफ्तारी के प्रयास ही नहीं कर रही है।
पूछताछ की भी नहीं उठाई जहमत बिकरू कांड के बाद पुलिस ने एक बार भी दीपक को हिरासत में लेकर पूछताछ करने तक की जहमत नहीं उठाई। पुलिस केवल एक ही तथ्य का हवाला दे रही है कि मोबाइल की सीडीआर के मुताबिक वारदात की रात दीपक की लोकेशन बिकरू में नहीं थी। सवाल है कि अगर उसकी राइफल का इस्तेमाल हुआ है तो वो आरोपी है। राइफल अभी बरामद भी नहीं हुई। वहीं ये भी हो सकता है कि मोबाइल कहीं और रखा हो। वो वारदात में शामिल हो।