मेट्रो निर्माण के कारण झकरकटी बस अड्डे पर दिन पर छाया रहा धूल मिट्टी का गुबार
कानपुर (ब्यूरो) झकरकटी बस अड्डे में वर्तमान में मेट्रो के अंडरग्राउंड स्टेशन का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसकी वजह से मिट्टी की खुदाई हो रही है। खुदाई के दौरान मिट्टी धूल बनकर पूरे परिसर में उड़ रही है। एक महीने पहले तक ठंड व उससे पहले बारिश का मौसम होने के कारण धूल समस्या नहीं बन रही थी। अब गर्मी शुरू हो चुकी है, और तेज धूप हो रही है। जिससे मिट्टी तेजी सूखती है और हवा चलने के साथ धूल का गुबार बनकर पूरे परिसर में उड़ती है। मिट्टी के ऊपर से बस का पहिया गुजरता है तो आसपास धुंध छा जाती है। पैसेंजर्स का निकलना मुश्किल हो जाता है।
कोई परवाह नहीं
झकरकटी बस अड्डे के एआरएम केके आर्या ने बताया कि मेट्रो के निर्माण कार्य की वजह से परिसर के चारो ओर धूल ही धूल उड़ रही है। एक सप्ताह पहले मेट्रो के अधिकारियों को मौखिक रूप से मामले की जानकारी देकर परिसर में डेली दो से तीन बार पानी का छिडक़ाव करने का आग्रह किया गया था। लेकिन हालात में कोई बदलाव नहीं हुआ तो पांच दिन पूर्व एआरएम ने मामले की शिकायत लिखित रूप से की है। जिसके बावजूद अभी तक मेट्रो की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया।
पेड़ पौधों में जमी धूल की परत
रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक झकरकटी बस अड्डे में धूल किस कदर उड़ती है। इसका अंदाजा परिसर के पेड़ों और वहां लगी सीटों पर जमी धूल की परत से लगाया जा सकता है। ये हालात तब हंै जब डेली सुबह व शाम सफाई कर्मचारी सीट के साथ परिसर के अन्य स्थानों की सफाई करते है। उन्होंने बताया कि समस्या पर अभी ध्यान नहीं दिया गया तो होली के बाद यह समस्या और भी विकराल हो जाएगी।
रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक झकरकटी बस अड्डे पर डेली 30 हजार से अधिक पैसेंजर्स का आवागमन है। जिन्हें उड़ती धूल मिट्टी के समस्या का सामना करना पड़ता है। पैसेंजर्स की समस्या को देखते हुए पानी की टंकी से पाइप लगाकर परिसर में जैसे-तैसे स्टाफ से पानी का छिडक़ाव करवाया जाता है जो किसी सूरत में पर्याप्त नहीं है। 10 मिनट में भी मिट्ट सूख जाती है और उडऩे लगती है।
धूल में मिट्टी के छोटे-छोटे कण होते हैं। जोकि सांस के माध्यम से फेफड़ों तक जाकर प्रभावित करते हैं। धूल जहां स्वस्थ्य मनुष्य के लिए खतरनाक है वहीं सांस रोगियों के लिए और भी खतरनाक होती है। इस कंडीशन में अधिक समय तक अगर सांस रोगी रहता है तो उसको सांस की समस्या बढ़ सकती है।
डॉ। आनंद कुमार, एचओडी, चेस्ट हॉस्पिटल
केके आर्या, एआरएम, झकरकटी बस अड्डा
धूल मिट्टी से समस्या
-सांस लेने में समस्या
-आंखों में जलन, इंफेक्शन
-त्वचा में खुजली
-फेफड़ों को नुकसान