डीआरडीओ देगा कानपुर को ऑक्सीजन
हैलट में अब डीआरडीओ लगाएगा ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट
- हैलट में 1 हजार लीटर क्षमता वाला ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाएगा, पीएम केयर्स फंड की मदद से लगाने को सहमति - जिस टेक्नोलॉजी पर बेस्ड प्लांट हैलट में डीआरडीओ लगाएगा, फाइटर प्लेन तेजस में भी किया जाता है उसका यूज KANPUR: कोरोना पीके दौरान शहर में जिस तरह का ऑक्सीजन संकट देखा गया, ऐसी स्थिति भविष्य में फिर न बने, इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारियां हो रही हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर व लिक्विड ऑक्सीजन पर निभर्रता खत्म करने के लिए हैलट में डीआरडीओ 1 हजार लीटर क्षमता का ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाएगा। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन(डीआरडीओ) जिस टेक्नोलॉजी पर बेस्ड ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट को हैलट में लगाएगा, उस टेक्नोलॉजी का यूज फाइटर प्लेन तेजस में भी किया जाता है। पीएम केयर फंड से इस प्लांट को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में लगाने पर मुहर लग गई है।जगह भी हो गई फाइनल
कॉलेज प्रशासन की ओर से इस प्लांट को लगाने के लिए जगह भी चिन्हित कर दी गई है। उर्सला में लगे ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट के मुकाबले इसकी क्षमता दो गुनी होगी। जिसमें एक मिनट में एक हजार लीटर ऑक्सीजन बन सकेगी। मालूम हो कि हैलट अस्पताल में न्यूरो साइंस बिल्डिंग के पास भी एक 500 लीटर प्रतिमिनट क्षमता का ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाया जा रहा है। जिसके बाद लिक्विड ऑक्सीजन व ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रयोग कम हो जाएगा। जिससे ट्रांसपोर्टेशन में आने वाला खर्च भी कम होगा। मालूम हो कि इस बार कोरोना संक्रमण के पीक में सिर्फ अप्रैल महीने में ही लाखों लीटर ऑक्सीजन की हैलट में खपत हुई। इस दौरान 77 लाख रुपए का पेमेंट ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनियों को किया गया।
तेजस में ऑक्सीजन जेनरेशन की क्या है टेक्नोलॉजी -तेजस फाइटर जेट में पायलट को ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए डीआरडीओ ने ऑनबोर्ड ऑक्सीजन जेनरेशन सिस्टम डेवलप किया था। -ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट प्रेशर स्विंग अडर्जोब्शन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करता है। जिसमें ऑक्सीजन को सीधे इनवायरमेंट से लिया जाता है। - इसी टेक्नोलॉजी का प्रयोग अब डीआरडीओ अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कर रहा है। लेह लद्दाख में ऐसे प्लांट को इंस्टॉल कर चुका है। अभी ऑक्सीजन सप्लाइर्1 का सिस्टम 3- लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट 10 हजार लीटर के 7- पाइप्ड ऑक्सीजन सिलेंडर प्लांट -------------- क्या खास होगा इस एलएमओ में- - 1 हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनेगी - 195 बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर के बराबर- 190 पेशेंट्स के लिए पर्याप्त होगी ऑक्सीजन
- 5 लीटर प्रति मिनट अगर ऑक्सीजन दी जाए डीआरडीओ एक हजार लीटर क्षमता का ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाएगा। इसके लिए हैलट इमरजेंसी के पीछे जगह चिन्हित की गई है। पीएम केयर से लगने वाले इस प्लांट से एलएमओ और ऑक्सीजन सिलेंडरों पर निर्भरता कम होगी। - प्रो.आरबी कमल, प्रिंसिपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज