जिम्मेदार अफसरों के बेपरवाह रवैये से गंगा मां का आंचल मैला हो रहा है. गंगा में लगातार नाले गिर रहे हैं. निर्मल गंगा के सपने पर ग्रहण लग रहा है. सीसामऊ सहित पांच नालों का पानी गंगा में गिरने के मामले पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. अरुण कुमार सक्सेना व राज्यमंत्री केपी मलिक ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से जवाब तलब किया. अफसरों ने मंत्री के सामने झूठ बोलते हुए सारे नाले बंद किए जाने व एसटीपी से पानी ट्रीट करने के बाद जाने की बात भी कही.

कानपुर (ब्यूरो) वन मंत्री डॉ। अरुण व केपी मलिक वेडनसडे को आजाद नगर स्थित जू व किदवई नगर स्थित फारेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीटयूट का निरीक्षण करने शहर आए थे। डॉ। अरुण ने सीसामऊ सहित पांच नालों का पानी गंगा में गिरने के मामले की जांच करके रिपोर्ट देने के आदेश दिए। निरीक्षण के दौरान प्रधान मुख्य वन संरक्षक ममता शर्मा, जू डायरेक्टर केके ङ्क्षसह, डीएफओ अरङ्क्षवद यादव, क्यूरेटर सुरेश राजपूत सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

पौधारोपण कितना हुआ, सेटेलाइट से जांच कराएं
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ। अरुण ने मुख्य वन संरक्षक से पौधारोपण अभियान के बारे में भी रिपोर्ट तलब की। अफसर ने प्रदेश में 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य गिनाया। वन मंत्री ने कहा कि अब तक कानपुर में किन किन स्थानों पर पौधारोपण किया जा चुका है, इसकी सैटेलाइट से जांच कराकर रिपोर्ट दें। शहर में पौधरोपण के लिए जगह की कमी की बात पर मंत्री ने कहा कि गंगा किनारे किसानों की रजामंदी से उनके खेतों के किनारे पौधारोपण करें। औद्योगिक क्षेत्र की जमीनों पर पौधे लगाए जाएं।

मंत्री को देख गुस्से में दौड़ा बाघ
वन मंत्री व राज्यमंत्री ने चिडिय़ाघर में पक्षीघर का अवलोकन करने के बाद गैंडा मानू को केले खिलाए। यहां से वो बघीरा बाघ के बाड़े की तरफ पहुंचे। मंत्री के साथ भीड़ व मीडियाकर्मियों के कैमरे देख बाघ गुस्सा गया और वो दहाड़ लगाता हुआ जाली की तरफ दौड़ पड़ा। यह नजारा देख मंत्री सहित सभी लोग सहम गए। वहां से निकलकर सभी सफेद बाघिन सावित्री के बाड़े की तरफ गए.तितली पार्क समेत अन्य विकास कार्यों का जायजा लिया।

Posted By: Inextlive