ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त, जलभराव से शहर हुआ अस्त-व्यस्त
द्मड्डठ्ठश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ
यन्हृक्कक्त्र: गुरुवार की दोपहर कुछ देर की बारिश में नगर निगम की नाला सफाई में हुए 'खेल' का खुलासा हो गया। रोड्स तालाब बन गई और मोहल्लों के हालात टापू जैसे हो गए। सीसामऊ और साइकिल मार्केट नाला ओवरफ्लो हो गया। जिससे रोड पर ज वीआईपी रोड पर इतना जबरदस्त जलभराव हुआ कि बाइक ही नहीं कार भी वॉटर लॉगिंग के बीच से नहीं निकल सकीं। कई तो जल-भराव के बीच फंस गई। लोगों को रास्ता बदलना पड़ा। साइकिल मार्केट लालइमली में दुकानों के अन्दर पानी घुस गया। जाजमऊ में लोगों के घरों में गन्दा काला पानी भर गया। उर्सला में भी भर गया पानीउर्सला हास्पिटल में पानी भर जाने से पेशेंट्स और उनके फैमिली मेंबर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हाल ये हो गया कि वार्ड का हाल बेहाल हो गया। बारिश बन्द हुई तो लोगों को चौतरफा लगे जाम से जूझना पड़ा। हैलट हॉस्पिटल के भी कई वॉर्डो में पानी भरने से लोगों को प्रॉब्लम हुई।
27.7 मिलीमीटर हुई बरसातथर्सडे को दिनभर रुक-रुककर बरसात होती रहती है। दोपहर में अचानक तेज बारिश शुरु हो गई। करीब आधा घंटा तक झमाझम बारिश हुई। झमाझम बारिश के चलते लोग जहां-तहां फंस गए। सीएसए मौसम विभाग के मुताबिक थर्सडे की दोपहर 2.30 बजे तक 27.7 मिलीमीटर बारिश हुई है।
पानी में डूबीं रोड्स, लगा जाम बारिश के साथ ही नगर निगम के नाला सफाई के दावों की पोल खुलकर सामने आ गई। आरपीएच के सामने वीआईपी रोड पर एक बार फिर जबरदस्त जलभराव हुआ। जलभराव के कारण ट्रैफिक रुक गया। लोगों को मैकरॉबर्टगंज रोड और सूटरगंज, ग्वालटोली रोड की तरफ रुख करना पड़ा। सूटरगंज रोड खुदी होने के कारण जाम लग गया। वहीं साइकिल मार्केट लालइमली चौराहा से यतीमखाना तक रोड तालाब बन गई। दुकानों तक में पानी घुस गया। लालइमली चौराहा से चुन्नीगंज कॉलोनी साइड में रोड पर पानी भरा। जलकल मुख्यालय से आकाशवाणी ऑफिस तक बेनाझावर की एक तरफ रोड पानी डूबी नजर आई। किला रोड पर जबरदस्त जलभराव के आवागमन ठप हो गया। बारिश बन्द होने के बाद एकदम से लोग घर, ऑफिस, मार्केट्स व अन्य कामों से निकले, लेकिन मेन रोड्स पानी में डूबी मिलीं। जिसके चलते चुन्नीगंज चौराहा, परेड चौराहा, बड़ा चौराहा पर जबरदस्त जाम लग गया। जरीबचौकी पर लोगों को जाम से जूझना पड़ा। ये हालात देखकर लोग बरबस ही कह उठे अच्छा हुआ कि मानसून में झमाझम बारिश नहीं हुई, वर्ना रोज ही ऐसी मुसीबत झेलनी पड़ती।