कहते हैैं विदेशी धरती पर कोई अपने देश का मिल जाए तो दिल खुश हो जाता है और अगर वह उसी प्रदेश का हो जिसके आप हैं तो फिर क्या बात है. बॉर्डर क्रॉस करने के दौरान स्टूडेंट्स को ऐसे ही एक शख्स डॉ. मशरूर चौधरी मिल गए. डॉ. मशरूर को कोई देवदूत बता रहा तो कोई फरिश्ता. डॉ. मशरूर यूक्रेन की मेडिकल यूनीवर्सिटीज में पीआर का काम करते हैैं.


कानपुर (ब्यूरो) इंडियन स्टूडेंट्स के एडमिशन कराने से लेकर उनकी परेशानी और किसी भी दु:ख सुख में खड़े रहते हैैं। रिद्धि और सल्तनत ने बताया कि जब डॉ। मशरूर को पता चला कि इंडियन स्टूडेंटस टैक्सी और बस वाले ओवर चार्ज कर रहे हैं तो वह अपने लोगों के साथ गाडिय़ों ने निकल पड़े और स्टूडेंट्स को इवैक्युएट कर बॉर्डर पर पहुंचाया। वहीं बॉर्डर पर मौजूद लोगों को अंदर भेजने में भी अपने कांटैक्टस इस्तेमाल किए। डीजे आई नेक्स्ट से बात करते हुए मशरूर ने बताया कि सभी बच्चे अपने हैं। उनके लिए जोन बन पा रहा है कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive