- श्रमशक्ति व शताब्दी तीन घंटे देरी से पहुंची सेंट्रल स्टेशन

- ट्रेनों की लेटलतीफी से हजारों यात्री हुए हलकान

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द्मड्डठ्ठश्चह्वह्म। कोहरे के गिरते ही शताब्दी समेत दर्जनों ट्रेनों की चाल बैलगाड़ी की चाल में बदल गई है। मंडे को दिल्ली की ओर से आने वाली शताब्दी व श्रमशक्ति अपने निर्धारित समय से लगभग तीन से चार घंटे देरी से सेंट्रल स्टेशन पहुंची। कोहरे के चलते दर्जनों ट्रेनें की हुई लेटलतीफी से यात्री हलकान हो गए। मंडे को हजारों यात्रियों को सफर के दौरान काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ा।

दैनिक यात्रियों ने किया हंगामा

ट्रेनों की घंटों लेटलतीफी के चलते दैनिक यात्रियों ने सेंट्रल स्टेशन में डिप्टी एसएस कार्यालय के सामने मंडे की दोपहर जमकर हंगामा किया। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे रेलवे अधिकारी व आरपीएफ ने हंगामा कर रहे दैनिक यात्रियों को समझा बुझा कर शांत कराया।

ये ट्रेनें चार से पांच घंटे रहीं लेट

सेंट्रल स्टेशन एसएस आरएनपी त्रिवेदी ने बताया कि मंडे को कोहरे के कारण कोलकाता आनंद विहार, मगध एक्सपे्रस, ऊंचाहार, पूर्वोत्तर सम्पर्क क्रांति, पुणे स्पेशल, आनंद विहार-कोलकाता, नईदिल्ली- हावड़ा व स्वतंत्रता सेनानी एक्सपे्रस समेत दर्जनों ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों लेट थी।

कोहरे का तोड़ न निकाल पाई रेलवे

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने ट्रेनों को दुर्घटना से बचने के लिए तो हाइटेक साफ्टवेयर खरीद लिया है लेकिन रेलवे अभी भी कोहरे का तोड़ नहीं निकाल पाई है। जोकि प्रतिवर्ष हर ठंड के मौसम में रेलवे के सामने बड़ी समस्या बन कर उभरता है।

खाने पीने के सामानों के दाम बढ़े

ट्रेनों की लेटलतीफी अक्सर वेंडरों के लिए लाभदायक होती है। इस दौरान वेंडर खाने पीने के सामनों में यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं। खाने पीने के सामनों में वेंडर उनसे मान चाहा पैसा वसूल करते है और बेचारे यात्री न चाह कर भी वेंडरों द्वारा मांगा गया मनचाहा पैसा देते हैं।

Posted By: Inextlive