स्पूतनिक वैक्सीन की लेनी होगी डबल डोज
- कानपुर आ रही रूस की स्पूतनिक वी कोरोना वैक्सीन की एफीकेसी 90 फीसदी से ज्यादा
-दोनों डोज में होता है 22 से 90 दिनों का अंतर, दोनों डोज वायरस के स्पाइक पर करती हैं असर KANPUR: कोरोना वायरस से बचाने वाली तीसरी वैक्सीन स्पूतनिक वी जल्द कानपुर में भी उपलब्ध होगी। ऐसे में इसे लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। यह कितनी कारगर है, कितनी सुरक्षित है, यह फ्री लगेगी या इसके लिए पैसे देनें होंगे। यह कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन से कितनी बेहतर है या उनके बराबर ही कारगर है। इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए सीनियर माइक्रोबायोलॅाजिस्ट प्रो। विकास मिश्र से बात की गई। उन्होंने इस वैक्सीन को लेकर कई अहम जानकारियां दी। जो सभी को जानना जरूरी है। कैसे काम करती है स्पूतनिक वीप्रो। विकास मिश्र बताते हैं कि स्पूतनिक वी वैक्सीन वायरल वेक्टर एडीनोवायरस बेस्ड वैक्सीन है। इसकी दो अलग अलग डोज शरीर में कोरोना वायरस के प्रति इम्यूनिटी बनाने के लिए अलग अलग तरह से काम करती हैं। इसकी दोनों डोज में 22 से 90 दिनों का अंतर होता है। दोनों डोज वायरस के स्पाइक पर प्रभाव डालती है, लेकिन दो अलग अलग तरह से न्यूट्रीलाइज्ड किए गए एडीनोवायरस के जरिए। जिससे इम्यून सिस्टम ज्यादा लंबे समय तक वायरस से प्रोटेक्शन करता है।
10 हजार डोज आएंगी कानपुर में स्पूतनिक वैक्सीन के लिए नारायणा मेडिकल कॉलेज की ओर से सीधे डॉ। रेड्डीज कंपनी को 10 हजार स्पूतनिक वैक्सीन की खरीद के लिए आर्डर दिया गया है। कंपनी की ओर वैक्सीन का कंसाइनमेंट 3 जुलाई तक कानपुर पहुंचने की पुष्टि की गई है। हाईलाइटर लगाए (एक छोटा बाक्स बनाकर) - स्पूतनिक वी वैक्सीन लगवाने के लिए कुल 1145 रुपए चार्ज देना पड़ेगा। किस वैक्सीन की कितनी एफीकेसी कोवैक्सीन- 77.8 परसेंट (फेज-3 ट्रायल के मुताबिक) कोविशील्ड- 90 परसेंट (इंटरनेशनल रिपोर्ट्स के मुताबिक) स्पूतनिक वी-91.6 परसेंट (फेज-3 ट्रॉयल के मुताबिक) इतनी डाेज अब तक लगी कुल डोज लगी- 8,91,081 कोविशील्ड-7,93,362 कोवैक्सीन-97,719 ------------- '' बाकी दोनों वैक्सीन की तरह यह वैक्सीन भी पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके क्लीनिकल डाटा को एनालाइज करने के बाद ही केंद्र सरकार ने इसके इमरजेंसी यूज की अनुमति दी है। तीन वैक्सीन होने से ज्यादा बेहतर और तेजी से वैक्सीनेशन हो सकेगा। - प्रो। विकास मिश्र, सीनियर माइक्रोबायोलॉजिस्ट