चंद दिनों की बारिश में ही शहर की रोड्स छलनी हो गई हैं. रोड पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं. आरओबी के ज्वाइंटर्स के साथ अब ये गड्ढे भी कानपुराइट्स को झटके दे रहे हैं. लगातार इन ज्वाइंट्स और गड्ढो से वाहन के साथ गुजरने के कारण कानपुराइट्स स्पाइन प्रॉब्लम का शिकार हो रहे हैं.


कानपुर(ब्यूरो)। चंद दिनों की बारिश में ही शहर की रोड्स छलनी हो गई हैं। रोड पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं। आरओबी के ज्वाइंटर्स के साथ अब ये गड्ढे भी कानपुराइट्स को झटके दे रहे हैं। लगातार इन ज्वाइंट्स और गड्ढो से वाहन के साथ गुजरने के कारण कानपुराइट्स स्पाइन प्रॉब्लम का शिकार हो रहे हैं। शुरुआत में लोग दर्द को हल्के में लेते हैं और जब समस्या बढ़ जाती है तो डॉक्टर्स के पास पहुंचते हैं। कई बार स्पाइन प्रॉब्लम के कारण शरीर का निचला हिस्सा लकवाग्रस्त हो जाता है। हैलट के सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल की न्यूरो ओपीडी में आने वाले स्पाइन पेशेंट्स के आंकड़े भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं. 60 परसेंट में स्पाइन प्रॉब्लम जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की न्यूरो डिपार्टमेंट की ओपीडी में डेली 250 से अधिक पेशेंट न्यूरो की विभिन्न समस्याओं को लेकर आते है। चौकाने वाली बात ये है कि ओपीडी में आने वाले पेशेट्स में करीब 60 परसेंट स्पाइन की प्रॉब्लम वाले होते हैं। स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स का कहना है कि स्पाइन के पेशेंट में दिन प्रति दिन बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसका मुख्य कारण सडक़ों के गड्ढे व अनियमित दिनचर्या है। बाइक चलाने वालों में अधिक डॉक्टर्स के मुताबिक स्पाइन की समस्या से ग्रसित पेशेंट्स की हिस्ट्री चेक करने पर पता चला कि स्पाइन से ग्रसित अधिकतर पेशेंट डेली कई किलोमीटर बाइक ड्राइव करते हैं। इसके साथ ही सभी पेशेंट में अनियमित दिनचर्या भी हिस्ट्री में शामिल है। स्पाइन की समस्या से ग्रसित पेशेंट में यह भी देखा गया है कि वह अपने ऑफिस या फिर व्यापार में एक ही स्थान पर कई-कई घंटे तक गलत पोश्चर में बैठ रहते हैं। सालों से इसी प्रकार की दिनचर्या से स्पाइन की प्रॉब्लम हो जाती है. दर्द के साथ हाथ-पैर सुन्न सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। डॉ। मनीष सिंह ने बताया कि स्पाइन की समस्या के मुख्य लक्षण कमर, गर्दन व पीठ में दर्द बना रहने के साथ हाथ-पैर भी सुन्न पड़ जाना है। शुरुआती दौर में यह समस्या पेशेंट को होती है। कई बार पेशेंट इस दर्द को मासपेशियों का दर्द समझ कर कई महीने तक हल्के में लेता रहता है। जब समस्या बढ़ जाती है और दर्द असहनीय होने लगता है तो डॉक्टर के पहुंचता है. एक्सरसाइज से मिल जाता रिलीफ डॉ। सिंह का कहना है कि स्पाइन की समस्या होने के शुरुआती दौर में ही पेशेंट किसी न्यूरो व आर्थो स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाकर परामर्श ले तो उसका आसानी से ट्रीटमेंट हो सकता है। डॉक्टर की परामर्श के साथ पेशेंट अपनी लाइफस्टाइल सुधारने के साथ डेली रुटीन में एक्सरसाइज को जोड़ कर भविष्य में आने वाली बड़ी समस्या से निजात पा सकता है। ज्वाइंटर बने मुसीबत सिटी के टाटमिल, दादानगर, गोविंदनगर, श्याम नगर पुल समेत 50 परसेंट से अधिक नए पुलों के ज्वाइंटर में कानपुराइट्स को झटके लगते हैं। झटके भी ऐसे वैसे नहीं, रीढ़ की हड्डी के साथ गाड़ी के भी पुर्जे हिल जाते हैं। ऐसा नहीं है कि जिम्मेदार डिपार्टमेंट के अधिकारी इस समस्या से वाकिफ नहीं है। कई बार शिकायत करने के बावजूद वह हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए हैं। स्पाइन प्राब्लम के सिम्पटम्स - पीठ, कमर व गर्दन में दर्द बना रहना - जलन और चुभन सी महसूस होना - जी मिचलाना और उल्टी आना - हाथ-पैरों में दर्द की समस्या होना - हाथ-पैरों का सुन्न होना एक्सपटर् एडवाइसः स्पाइन की समस्या समझ में आने पर स्पेशलिस्ट डॉक्टर का परामर्श एक बार जरूर लें। स्पाइन की समस्या से दूर रहने के लिए अपनी लाइफ स्टाइल में एक्सरसाइज को जरूर जोड़ लें। इसके अलावा एक स्थान पर कई-कई घंटे काम करने से बचें, जरूरी है तो बीच-बीच में कुछ समय का ब्रेक लेकर काम को खत्म करें। प्रो। डॉ। मनीष कुमार, एचओडी, न्यूरो सर्जरी Posted By: Inextlive