शहर में धड़ल्ले स्मैक बेची जा रही है. शहर में नशीले पदार्थ की खरीदफरोख्त का स्टिंग दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने किया था. समाचार 26 मार्च के अंक में प्रकाशित किया गया था. समाचार छपने के बाद पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीना ने न सिर्फ इसे अपने अभियान में शामिल किया बल्कि सभी थाना क्षेत्रों में नशीले पदार्थों के तस्करों की धरपकड़ शुरू की गई. जिससे तस्कर अंडर ग्राउंड हो गए. एसटीएफ और रेल बाजार पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने रांची से गाजियाबाद ले जाया जा रहा 13 लाख का डोडा चूर्ण अ्रफीम बरामद की है. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए डोडा की कीमत 13 लाख 755 रुपये है.

कानपुर ( ब्यूरो) एसपी ईस्ट प्रमोद कुमार ने बताया कि लगातार छापेमारी की जा रही थी। इसी दौरान एसटीएफ के रडार पर रांची से गाजियाबाद जा रहा एक छोटा लोडर आ गया। रेल बाजार पुलिस और एसटीएफ ने घेराबंदी कर लोडर को रोका तो आरोपी भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस ने घेरा बंदी कर पूछताछ की। आरोपी ने अपना नाम प्रशांत चौधरी और निवासी कवि नगर गाजियाबाद बताया। पुलिस आरोपी के मोबाइल से मिली जानकारी के मुताबिक कानपुर कनेक्शन की तलाश कर रही है।

अफीम (डोडा) से ही बनती है चरस, स्मैक और दूसरे नशीले पदार्थ
अफीम की बुवाई के 100 से 115 दिनों के अंदर पौधे से फूल आने शुरू हो जाते हैं। इसके बाद फूलों से 15 से 20 दिनों में डोडा निकलना शुरू हो जाता है। इस डोडे पर चीरा लगाया जाता है। चीरा लगाने के बाद इसमें से एक तरल पदार्थ बाहर निकल कर आता है। ये प्रकिया धूप निकलने से पहले ही पूरा कर ली जाती है। जब तक फसल से तरल निकलना बंद नहीं हो जाता है, इस प्रकिया को अपनाया जाता है। डोडे से जब पूरा तरल पदार्थ निकल आता है तो उसके अंदर से बीज को बाहर निकाल देते हैैं। इस बीज का उपयोग औषधि के लिए ही किया जाता है।

Posted By: Inextlive