जेल गए तो खुला डाक्टर साहब का राज
- कानपुर में पुलिस लाइन अस्पताल में तैनात डॉक्टर सुरेंद्र सिंह 19 अक्टूबर से जिला जेल में कोविड ड्यूटी से चल रहे थे गायब
- उन्नाव में चलाते थे डिग्री कॉलेज, छात्रों के प्रवेश में धोखाधड़ी के 15 साल पुराने मामले में आत्मसमर्पण के बाद भेजे गए थे जेल KANPUR: पुलिस लाइन अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर उन्नाव में डिग्री कॉलेज भी चला रहे है। धोखाधड़ी के आरोप में डॉक्टर साहब नौ नवंबर से उन्नाव जिला जेल में बंद हैं। इससे हड़कम्प है। छात्रों से धोखाधड़ी के 15 साल पुराने मामले में उनके जेल जाने के बाद जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि उनकी ड्यूटी कानपुर जिला जेल में कोविड अस्पताल में थी, जहां वह 19 अक्टूबर से गायब हैं। सीएमओ ने इसकी सूचना शासन को भेजने की बात कही है। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़दरअसल, डॉ.सुरेंद्र कुमार सिंह पुलिस लाइन स्थित अस्पताल में तैनात है। वह उन्नाव के बीघापुर के ¨हदपाल खेड़ा महाई में स्थित सरदार पटेल बंश गोपाल सनातन धर्म डिग्री कॉलेज के प्रबंधक हैं। उन पर आरोप है कि वर्ष 2005 में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से उनके कॉलेज को 360 सीटों की अनुमति मिली थी, जबकि उन्होंने 800 स्टूडेंट्स का एडमिशन ले लिया। 440 स्टूडेंट को परीक्षा की अनुमति विश्वविद्यालय से नहीं मिली। भविष्य खराब होने पर छात्रों ने प्रबंधक डॉ। सिंह व प्रिंसिपल के खिलाफ बीघापुर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। उसी प्रकरण में 9 नवंबर को कोर्ट में आत्मसमर्पण करने पर डॉ। सुरेंद्र जेल भेज दिए गए।
एक दिन आते, 10 दिन गायब डॉक्टर पर आरोप है कि वह 10-10 दिन तक गायब रहते थे। अटेंडेंस लगाकर चले जाते थे। एक साल के दौरान उन्होंने ओपीडी नहीं की, न ही ओपीडी रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर हैं और न ही एक मरीज का इलाज किया। बावजूद इसके सेटिंग के चलते उन पर कार्रवाई नहीं की गई। इधर डॉक्टर के जेल जाने की सूचना मिलते ही पुलिस लाइन के आरआई ने एसएसपी को जानकारी दी। वहीं, जेल अधीक्षक ने इस प्रकरण की जानकारी डीएम एवं सीएमओ को पत्र के जरिए दी। सीएमओ डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि पुलिस लाइन में तैनात डॉक्टर धोखाधड़ी के मामले में नौ नवंबर से जिला जेल उन्नाव में बंद हैं। पता चला है कि सरकारी नौकरी के साथ डिग्री कॉलेज चला रहे थे। इस प्रकरण की सूचनाएं जुटाने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजेंगे।