429 जर्जर भवन न खा जाएं कई 'जिंदगियांÓ
कानपुर (ब्यूरो) नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक, जोन वाइज 429 जर्जर और गिराऊ मकान चिन्हित किए गए हैं। सभी को खाली करने का नोटिस भी दिया जा चुका है। बावजूद इसके लोग खाली नहीं कर रहे हैं। इन बिल्डिंगों में करीब दो हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। या फिर कई जर्जर बिल्डिंग ऐसी हैं, जहां पर दुकान या गोदाम है। बारिश में गिराऊ भवनों में रह रहे लोगों के सर पर खतरा मंडरा रहा है। शुरूआती स्टेज में पचास मकानों को गिराने क लिए खाका तैयार किया था, जो अबतक ठंडे बस्ते में हैं।
बैठकें होती रहीं, हल न निकला
जर्जर मकानों को गिराने को लेकर कई बैठकें हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है। बीते महीने मेयर प्रमिला पांडे ने जर्जर मकानों पर सख्त रुख अपनाते हुए नगर निगम मुख्यालय में जोनल अधिकारी व जोनल अभियंताओं के साथ बैठक की, बैठक में सभी जर्जर भवनों की फोटो व वीडियो पेश न करने पर अधिकारियों से नाराजगी व्यक्त करते हुए, कहा कि ऐसी बैठक करने से कोई फायदा नहीं है और बैठक छोड़कर चली गई। जिसके बाद से नगर निगम अधिकारी फोटो और वीडियो तो बना लाए लेकिन मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
ज्यादातर भवनों में कोर्ट केस
नगर निगम में आए दिन जर्जर मकानों के गिराने के लिए अप्लीकेशन आती हैं। नगर निगम ऑफिसर्स के मुताबिक, नगर निगम सिर्फ जोन में जर्जर भवनों को चिन्हित करने काम करता है। नगर निगम अगर बिल्डिंग गिराता है तो गिराने का खर्च मकान मालिक को ही देना होता है। इनमें से अधिकतर मकान ऐसे हैं, जिनका केस कोर्ट में चल रहा है। फैसले का इंतजार है।
ये हादसे हो चुके हैं
24 जुलाई को सुतरखाना में सैकड़ों साल पुरानी बिल्डिंग गिरने से एक दिव्यांग की मौत हुई।
6 अगस्त को कलक्टरगंज शक्कर पट्टी में सौ साल पुराना जर्जर मकान अचानक ढह गया
15 अगस्त को जूही गढ़ा में जर्जर मकान की छत ढहने से एक की मौत, दो घायल हो गए
3 अगस्त को बड़ा चौराहा स्थित बैंक की दीवार ढहने से दो की मौत, दो घायल हो गए
7 अगस्त रतनलाल नगर में दीप अपार्टमेंट के धंसने के साथ-साथ पिलर पर पड़ी दरार
8 अक्टूबर को हरबंश मोहाल के निभारा में जर्जर मकान का छज्जा गिरा 9 अक्टूबर को नगर निगम मुख्यालय से सटी राम प्रकाश वाटिका की दीवार ढह गई
जोन-1---------222
जोन-2--------- 06
जोन-3---------42
जोन-4---------120
जोन-5---------18
जोन-6---------21
कुल----------429 क्या बोले लोग
शहर के विभिन्न इलाकों में कई जर्जर मकान हैं, जो अक्सर दूसरों के लिए खतरा बने रहते हैं, लेकिन नगर निगम के अधिकारी इसपर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
अमित कुमार बेकनगंज समेत कई जगहों पर जर्जर मकान हैं, नगर निगम और पुलिस की टीम इन जगहों पर सिर्फ नोटिस चस्पा कर चली जाती है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है।
पंकज सिंह