डीएम की सख्ती के बावजूद कई स्कूल बच्चों को उनका अधिकार नहीं दे रहे हैं. राइट टू एजूकेशन आरटीई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को एडमिशन नहीं दिया जा रहा है. एडमिशन न लेने वाले शहर के 27 स्कूलों के प्रतिनिधियों को गुरुवार को कलेक्ट्रेट बुलाया गया है. डीएम स्कूलों के प्रतिनिधियों से सीधे बात करेेंगे और जानेंगे आखिर इन स्कूलों में एडमिशन क्यों नहीं लिए गए हैं. जिन स्कूलों में बच्चों के नाम एलॉट किए गए हैं उन्हें हर हाल में एडमिशन दिलाया जाना है.

कानपुर (ब्यूरो) वीरेंद्र स्वरूप पब्लिक स्कूल (सभी ब्रांच), सेठ आनंद राम जयपुरिया, डीपीएस कल्याणपुर, डीपीएस किदवई नगर, एनएलके गु्रप, विवेकानंद विद्या निकेतन, यूनाइटेड पब्लिक स्कूल, किंग्सटन, स्वराज इंडिया पब्लिक, अलीगढ़ पब्लिक स्कूल, महाराणाप्रताप एजूकेशन सेंटर, सरदार पटेल पब्लिक हंसपुरम नौबस्ता, एलेन हाउस खलासी लाइन समेत 27 स्कूलों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है।

8077 बच्चों को सीटें आवंटित
बीएसए ऑफिस से 8077 बच्चों को सीटें आवंटित की गई हैं। जबकि अभी तक लगभग 4000 बच्चों को एडमिशन मिल पाया है। जबकि डीएम ने मीटिंग कर सख्त लहजे में कहा है कि हर बच्चे का एडमिशन होना चाहिए।

कई पैरेंट्स ने छोड़ दी आस
कई पैरेंट्स ने तो अब आरटीई में एडमिशन की आस ही छोड़ दी है। तीन महीने से चक्कर लगाने के बाद हारकर कुछ ने अपने बच्चों को आसपास के छोटे स्कूलों में एडमिशन करा दिया।

1343 प्राइवेट स्कूल शहरी क्षेत्र में रजिस्टर्ड हैं
14868 सीटें आरटीई की हैं इन स्कूलों में
8077 बच्चों को बीएसए ऑफिस से किया गया आवंटित
4000 से अधिक बच्चों को मिल चुका है एडमिशन

जिन स्कूलों में आरटीई के एडमिशन का ग्राफ काफी कम हैं उन्हें कलेक्ट्रेट बुलाया गया है। हर बच्चे को एडमिशन मिले यही प्रयास किया जा रहा है।
सुरजीत कुमार सिंह, बीएसए

Posted By: Inextlive