हर वार्ड में एक करोड़ का डेवलपमेंट
- नगर निगम के साल के पहले सदन में पार्षदों का जबरदस्त हंगामा, बजट खर्च में पारदर्शिता पर भी उठे सवाल
- पार्षदों की मांग पर महापौर व नगरआयुक्त ने हर वार्ड को एक करोड़ की विकास निधि देने का किया ऐलान - हंगामे के बीच नगर निगम का 11 अरब 98 करोड़ 62 लाख और जलकल का 1 अरब 85 करोड़ 50 लाख का बजट पासKANPUR: साल 2020 का पहला नगर निगम सदन हर बार की तरह हंगामेदार रहा। पार्षदों की लेटलतीफी के कारण सवा 11 बजे सदन शुरू हो पाया, लेकिन जैसे-जैसे सदन में पार्षद बढ़ते गए मुद्दों के साथ हंगामा भी बढ़ता गया। विपक्षी पार्षदों ने लखनऊ की तरह पार्षद निधि में 1-1 करोड़ रुपए देने की मांग उठाई तो बजट पर चर्चा को लेकर वेल में आकर पार्षदों ने जोरदार हंगामा किया। हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2020-21 के लिए नगर निगम का 11 अरब 98 करोड़ 62 लाख और जलकल का एक अरब 85 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट पास किया गया। सदन को अगली डेट तक स्थगित कर ि1दया गया।
नामित पार्षदों को 30-30 लाखपार्षदों ने सदन शुरू होने के साथ ही पार्षद निधि में एक-एक करोड़ रुपए देने की मांग उठाई। इस पर सभी पार्षदों ने एक स्वर में उनका साथ दिया। वेल में आकर पार्षदों ने हंगामा भी किया। जिसके बाद महापौर प्रमिला पांडेय ने नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी से चर्चा कर एक-एक करोड़ रुपए देने का एलान किया। इस पर सदन में पार्षदों में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन नगर आयुक्त ने मिनिमम 1 करोड़ रुपए के विकास कार्य की बात कही। ऐसे में जिन पार्षदों के वार्डो में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास कार्य हो गए हैं, उन वार्डो में ये बजट नहीं दिया जाएगा। अन्य विकास कार्य कराए जाते रहेंगे। वहीं नामित सभी 10 पार्षदों को 30-30 लाख रुपए का बजट दिया जाएगा।
हंगामे के बीच बजट पास सदन में बजट पर चर्चा को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। वरिष्ठ पार्षद हाजी सुहैल, अर्पित यादव, मोनू गुप्ता ने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि आय दिखाई गई, लेकिन बजट कहां खर्च किया गया, इसका कोई जिक्र तक नहीं है। एमएलसी ने भी अपने संबोधन पर बजट में और पारदर्शिता लाने की बात कही। हाजी सुहैल ने हाउस टैक्स दे रहे लोगों पर और टैक्स लादने की बात पर सवाल किया। कहा, जो टैक्स नहीं दे रहे हैं उनसे वसूला जाए।महापौर-नगर आयुक्त में बहस
सदन के दौरान कई ऐसे मौके आए जब महापौर और नगर आयुक्त के बीच बहस हुई। पालिका स्टेडियम में तैनात क्रीड़ा प्रशिक्षक को अनियमितताओं के चलते क्षेत्रीय पार्षद की शिकायत पर सदन ने हटाने के आदेश दिए थे। लेकिन, महापौर प्रमिला पांडेय ने नगर आयुक्त से कहा कि ये सदन की गरिमा के खिलाफ और विश्वासघात है। उसे सदन ने हटाने के आदेश दिए थे, तो क्यों नहीं हटाया गया। नगरआयुक्त ने जांच होने तक क्रीड़ा प्रशिक्षक को उसके पद से हटा दिया। विद्युत शवदाह गृह फिलहाल फ्री भैरवघाट और भगवतदास घाट विद्युत शवदाह गृह में नगर निगम ने प्रति शवदाह पर 1 हजार रुपए शुल्क लेने का प्रस्ताव कार्यकारिणी में पास किया था। लेकिन, सदन में पार्षदों के विरोध के बाद इस कोरोना काल तक कोई भी शुल्क न लेने का प्रस्ताव पास हुआ। गंदे पानी की बोतल लहराईबिनगवां से पार्षद मेनका सेंगर ने नगर आयुक्त को सदन में दूषित पानी से भरी बोतल दी। पार्षद ने कहा कि लंकापुरी, राजेनगर, केडीए कॉलोनी में दूषित वॉटर सप्लाई हो रही है। पार्षद राजीव सेतिया ने कहा कि बिना लेआउट पास कराए अवैध निर्माण हो रहे हैं। इसकी वजह से नगर निगम को मलबा शुल्क नहीं मिल पा रहा है।
फीडिंग सेंटर, यूथ हब बनेगा सदन में आए एमएलसी अरूण पाठक ने चट्टों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर महापौर को धन्यवाद दिया। एमएलसी ने पांच प्रमुख बाजारों में फीडिंग सेंटर बनवाने के लिए अपनी निधि से 30 लाख की धनराशि देने की बात कही। इसके अलावा युवाओं के लिए यूथ हब बनाने के लिए भी नगर निगम को 20 लाख रुपए देने की घोषणा की। इस यूथ हब में सभी सरकारी नौकरियों की जानकारी से लेकर ई-लाइब्रेरी भी होगी। खुद का माइक लेकर पहुंचे सदन में आए नए माइक भी खराब होने की कगार पर हैं। सदन में साउंड को लेकर पहले भी कई बार प्रॉब्लम हुई। इस बार पार्षद खुद का माइक और साउंड बॉक्स लेकर पहुंचे। सभी पार्षदों ने उसी का यूज किया। सदन की उतारी आरती व जयकारेपार्षद बबलू मेहरोत्रा ने विरोध स्वरूप सदन शुरू होने से पहले ही गेट पर आरती उतारी और पार्षदों के जयकारे लगाए। उनके मुताबिक साल खत्म होने को है और अब पहला सदन बुलाया गया है, जबकि नियम मुताबिक 6 सदन होने अनिवार्य हैं। पार्षद कीर्ति अग्निहोत्री ने परमट में आने वाले भक्तों के लिए पार्किंग बनाने के लिए प्रस्ताव दिया।
आंकड़ाें में सदन -11.15 सुबह साल के पहले सदन की हुई शुरुआत -30-30 लाख रुपए नामित पार्षद करा सकेंगे डेवलपमेंट -9 बार वेल तक हंगामा करने पहुंचे सभी दलों के पार्षद -2 बार नगर निगम सदन को हंगामे के कारण किया स्थगित -7.25 घंटे तक चली सदन की कार्यवाही