हर बुखार डेंगू नहीं होता है
कानपुर (ब्यूरो)। डेंगू ने एक बार फिर से पूरे जिले में पैर पसार दिए हैं। हर एरिया से डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। डेंगू के लक्षण वाले पेशेंट्स की हॉस्पिटल में लाइन लगी हुई है। ऐसे लोगों में डेंगू को लेकर दहशत बढ़ रही है। लेकिन आपको डरने की नहीं बल्कि सावधान रहने की जरूरत है। बरसात के मौसम में मच्छरों के प्रकोप से डेंगू के केस बढ़ जाते हैं। ऐसे में मच्छरों से बचने के लिए आपको अपने आसपास सफाई रखनी है। पानी जमा नहीं होने देना है। मच्छरों से बचने के लिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। जुलाई के 23 दिनों में सिटी में डेंगू के 15 पेशेंट मिले हैं। हेल्थ व मलेरिया डिपार्टमेंट फॉगिंग के साथ डेंगू व मलेरिया से लोगों को लगातार अवेयर करा रहा है।
साफ पानी में पनपते
मलेरिया ऑफिसर डॉ। एके सिंह के अनुसार डेंगू के लार्वा फॉगिंग से नहीं नष्ट होते हैं। लार्वा फिर अंडे के बाद मच्छर बन जाते हैं। फॉगिंग से मच्छर तो नष्ट हो जाते है, पर लार्वा नहीं खत्म होते हैं। लार्वा को खत्म करने के लिए एंटी लार्वा स्प्रे जरूरी है। यूं तो डेंगू के लार्वा साफ पानी में पनपते हैं। लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि घरों में कहीं पर भी जल जमाव छोटा या बड़ा नहीं होना चाहिए। पानी को रोटेट कर बदलते रहना चाहिए। कहीं ऐसी स्थिति है कि वहां पानी हर दिन नहीं बदल सकते है तो वहां पर जला हुआ मोबिल ऑयल या केरोसीन ऑयल जरूर डाल दें।
डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है। लिहाजा इसे रोकने के आवश्यक है कि घर में या घर के आसपास पानी जमा नहीं होनें दें। आवश्यकता न हो तो कूलर में भी पानी नहीं रहने दें।
- बरसात में कूलर का यूज लोग न के बराबर करते हैं, लेकिन इसमें पानी छोड़ देते हैं। जिससे डेंगू का लार्वा पनपने की संभावना बनी रहती है।
जांच के लिए जरूरी संसाधन मौजूद
मलेरिया अफसर डॉ। एके सिंह ने बताया डेंगू की जांच के लिए जरूरी संसाधन अस्पतालों में मौजूद हैं। डेंगू जांच की किट मौजूद है। इसी तरह सीबीसी जांच के लिए भी मशीन अस्पताल में मौजूद है। इसलिए डेंगू होने की आशंका में पीडि़त अस्पताल में भी जांच करा सकता है। उन्हें बाहर जाकर महंगी जांच कराने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही सीबीसी जांच के लिए मशीन हर पीएचसी में मौजूद है।
दिन के समय काटता है डेंगू का मच्छर
सिटी के रूरल व अर्बन एरिया में डेंगू रोधी दवा का छिड़काव किया जा रहा है। एडीज प्रजाति के मच्छर डेंगू का संक्रमण फैलाते है। संक्रमित 'एडीज इजिप्टीÓ मच्छर के अंडे भी संक्रमित होते हंै, जो कि विकसित होकर संक्रमित मच्छर बनते हैं। एडीज इजिप्टी मच्छर घरों व उसके आस-पास ठहरे हुए साफ पानी में पनपता है। यह मच्छर दिन के समय ही काटते हैं। इन मच्छरों से डेंगू का संक्रमण तीन सप्ताह तक रहता है। डेंगू के दो रूप होते हैं। पहला डेंगू फीवर और दूसरा डेंगू हेमरेजीक फीवर या डेंगू शॉक सिन्ड्रोम। डेंगू का इनक्युबेशन पीरियड 5 से 7 दिन का होता है।