हेडफोन के आगे दब जाती है 'मौत की आहट'
- ड्राइविंग के दौरान, सड़क व रेलवे ट्रैक क्रास करते समय इयर फोन की वजह से दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं लोग
- गोल चौराहा में रेलवे ट्रैक पार करते वक्त हेडफोन लगाए फार्मासिस्ट की ट्रेन की चपेट में आने से हुई मौत -हेडफोन की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं में मरने वालों में 95 परसेंट यूथ, लगातार दुघर्टनाओं के बाद भी अवेयरेस नहींKANPUR। हेडफोन लगा बाइक ड्राइव करने व रेलवे ट्रैक पार करने वालों तक मौत की आहट आती तो है, लेकिन कानों में हेडफोन लगा होने से वह आहट दब कर रह जाती है। यही कारण है कि जिंदगी की सांस चंद सेकेंड में थम जाती हैं। फ्राइडे की सुबह को भी यही हुआ, जब गोल चौराहा पर कानों में हेडफोन लगाकर रेलवे ट्रैक पार कर रही एक सीनियर फार्मासिस्ट 90 किमी प्रति घंटे की स्पीड से अपनी ओर आ रही 'मौत' की आहट महसूस ही नहीं कर पाई। जिससे ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई।
80 परसेंट दुर्घटना का कारण हेडफोननजीराबाद, कल्याणपुर व अनवरगंज जीआरपी में ट्रेन की चपेट में आकर होने वाली मौतों में 80 परसेंट दुर्घटना का कारण हेडफोन है। पुलिस के मुताबिक होने वाली दुर्घटनाओं में अधिकतर लोग कानों में हेडफोन लगाए रहते हैं। जिसकी वजह से ट्रेन आने की आहट उन तक पहुंच ही नहीं पाती है। इसके अलावा उसके कानों तक बचाने वालों की आवाज भी नहीं पहुंच पाती है।
रेलवे एक्ट के मुताबिक हो सकती कार्रवाई रेलवे ट्रैक को पार करना व बंद क्रासिंग में उसके नीचे से निकलना रेलवे एक्ट के मुताबिक एक अपराध है। आरपीएफ के मुताबिक रेलवे एक्ट की धारा 147 के मुताबिक रेलवे ट्रैक को पार करना व बंद क्रासिंग के नीचे से निकलना दंडनीय अपराध है। इसके लिए छह माह की जेल व 1000 रुपए जुर्माना का प्रावधान है। इसके बावजूद पब्लिक अवेयर नहीं है। कई बार अभियान चला कर कार्रवाई भी की जाती है। मरने वालों में सबसे अधिक यूथ कानपुर सेंट्रल स्टेशन जीआरपी इंस्पेक्टर राम मोहन राय ने बताया कि ट्रेन की चपेट में आकर मरने वाले लोगों में 90 प्रतिशत यूथ होते हैं। अपने कानों में हेडफोन लगा कर गाने सुनते रहना या फिर किसी से बात करते रहना इसकी वजह है। यह है शहर के डेथ जोन - गुमटी नंबर-5, कोकाकोला क्रासिंग - गोल चौराहा के पास - गुटैया क्रासिंग व गीतानगर क्रासिंग - गोविंदपुरी कच्ची बस्ती - दलहन अनुसंधान के पास- कल्याणपुर रेलवे क्रासिंग के पास
- रॉकेट चौराहा, शांती नगर क्रासिंग - मुरे कंपनी पुल व जयपुरिया 2017-18 में ट्रेन की चपेट में आकर होने वाली मौतें फजलगंज थाना क्षेत्र में 28 नजीराबाद थाना क्षेत्र में 45 कल्याणपुर थाना क्षेत्र में 36 जीआरपी अनवरगंज थाना क्षेत्र में 22 कानपुर सेंट्रल स्टेशन जीआरपी में 113 कैंट थाना क्षेत्र में 37 कोट सिटी में कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक किनारे रहने वाले लोगों ने ही अपनी सहूलियत के मुताबिक रास्ते बना रखे हैं। जागरुकता अभियान चला कर पब्लिक को रेलवे ट्रैक न पार करने व बंद रेलवे क्रासिंग के नीचे से न निकलने के प्रति अवेयर किया जाता है। इसके बावजूद पब्लिक उसे सीरियस नहीं लेती है। गौरव कृष्ण बंसल, सीपीआरओ, एनसीआर