गौ आश्रय स्थल में मौत बनी 'रहस्य'
-कमिश्नर के औचक निरीक्षण में पकड़ी गई खामियां, जांच कमेटी गठित -15 मार्च 2020 से 15 जनवरी 2021 तक मौत की नहीं कोई एंट्री
KANPUR: नगर निगम द्वारा पनकी में संचालित अस्थाई गौ आश्रय स्थल में हो रही पशुओं की मौत पर लीपापोती की जा रही है। इसका खुलासा कमिश्नर डॉ। राज शेखर के निरीक्षण में हुआ। डेथ ऑडिट और पीएम रजिस्टर चेक करने पाया गया कि 15 मार्च 2020 से 15 जनवरी तक 2021 तक पशुओं की किसी भी मौत की एंट्री नहीं की गई है। कई मामलों में पशुओं की मौत का कारण भी स्पष्ट नहीं किया गया है। निरीक्षण में कई खामियां मिलने पर कमिश्नर ने इनकी जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। वहीं 2 से 3 महीने में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को कहा है। पशुओं का रिकॉर्ड तक नहींगौ आश्रय स्थल में लापरवाही का आलम इस कदर है कि पशुओं को टैग नंबर के अनुसार रखा गया था। इसका कोई रिकॉर्ड भी नगर निगम के पास नहीं है। जबकि मौजूदा समय में 2580 गौवंश वहां रखे गए हैं। इनके देखरेख के लिए 51 कर्मी रखे गए हैं। यहां गायों, बैल, बछड़ों, बीमार पशुओं के लिए अलग-अलग शेड नहीं बनाए गए हैं और न ही अलग रखा गया है। ऐसे में इनके इलाज में भी मुश्किलें हो रही हैं।
24 घंटे में कमेटी से मांगी रिपोर्ट -अतिरिक्त आयुक्त (प्रशासन) -संयुक्त विकास आयुक्त -एडीएम नागरिक आपूर्ति इन कार्यो को कराने के निर्देश -टैगिंग के लिए अलग एरिया -उपचार के लिए अलग क्षेत्र -प्रत्येक 150 से 200 गौवंश के लिए अलग शेड -बैल, बीमार पशु, बछड़ों, वृद्ध गौवंश के लिए अलग शेड -प्रत्येक गौवंश की ईयर टैगिंग कर उनकी निगरानी व्यवस्था