घर नहीं लाने दी डेडबॉडी, धमकाकर अंतिम संस्कार
कानपुर (ब्यूरो) सुबह से ही माधवपुरम चालीस मड़ैया स्थित तेज नारायण के घर पर लोगों का आना जाना लगा हुआ था। सुरक्षा के लिहाज से घर के बाहर दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी। गोमती देवी, उनके पति और बेटियां घर पर मौजूद थीं। गोमती देवी से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि हम छोटे लोग हैं तो क्या जीने का हक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यतीन्द्र शंकर दीक्षित उनकी बहू बेटियों को गलत नजर से देखा था। इसी की शिकायत करने उनके घर गई थी। तब से उसने दुश्मनी मान ली। धमकी दी थी कि एक भी त्योहार तुम लोग खुशी से नहीं मना पाओगे।
विरोधियों को पैसे देकर पिटवाया
कल्लू के पिता तेज नारायण ने आरोप लगाया कि पिछले साल दीपावली पर ही उन लोगों का चालीस मड़ैया में रहने वाले दूसरे लोगों से विवाद हुआ था। उस दौरान वाईएस दीक्षित ने दूसरे पक्ष को पैसा देकर मारपीट करा दी थी। जिसमें पूरे परिवार को चोट आई थी। वहीं वाईएस दीक्षित की पत्नी सविता ने बताया कि उनका परिवार साल 2015 में माधवपुरम रहने आया था। तीन चार साल से किन्ना और उसके परिवार के लोग ज्यादा परेशान करने लगे थे। वे लोग घर में घुस जाते थे। सुरक्षा के लिहाज से पति से कई बार थाने में प्रार्थना पत्र देने को कहा लेकिन उन्होंने नहीं दिया दिया नहीं। इस बारतो चोरी करते रंगे हाथ पकड़ा था।
सविता ने बताया कि छह महीने पहले किन्ना का नाबालिग भांजा घर में घुस आया था और दो हजार रुपए चुरा ले गया था। उस समय वाईएस दीक्षित ने उसे रंगे हाथ पकड़ा था। मगर, डांट कर छोड़ दिया था। तब भी थाने में प्रार्थना पत्र देने को कहा था, मगर वाईएस दीक्षित ने दिया नहीं। सविता ने कहा कि बहन-बेटियों को परेशान करने का आरोप निराधार है क्योंकि उनके और वाईएस दीक्षित के घुटने में समस्या है और वह लोग छत पर बहुत कम जाते हैं। सविता ने कहा कि जब भी हम लोग विरोध करते थे तो वो लोग पॉक्सो में फंसाने की धमकी देते थे।
अधिकारी ने मुकदमों में फंसाने की दी धमकी
जितेंद्र के भाई कृष्णा उर्फ किन्ना ने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस में एक पुलिस अधिकारी उसे झूठे मुकदमे में फंसाने और परिवार को बर्बाद करने की धमकी दे रहे थे। उन्हें पोस्टमार्टम हाउस में अंतिम समय तक धोखे मेें रखा गया। शव घर भेजने के लिए कहा जा रहा था, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद पूरे परिवार को कैप्चर कर लिया गया।