साइबर ठग खाली कर रहे खाते, थानों में नहीं साइबर लड़ाके
- शहर में ताबड़तोड़ रही हैं साइबर ठगी की वारदातें फिर भी पुलिस की साइबर सेल के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं
- सिर्फ दो दरोगा और 11 सिपाही के भरोसे चल रहे कमिश्नरेट के 36 थाने, देहात के थानों की भी जिम्मेदारी - एक्सपर्ट्स ने होने से साइबर शिकायतों के ज्यादातर मामले पेंडिंग, बस रिपोर्ट दर्ज कराने की हो रही औपचारिकताKANPUR: साइबर ठगों ने आतंक मचा रखा है। रोजाना किसी न किसी तर जाल में फंसाकर लोगों की गाढ़ी कमाई उनके खातों से उड़ा रहे हैं। कभी ईनाम का लालच, कभी वैक्सीनेशन का झांसा तो कभी ¨लक भेजकर ठगी को अंजाम दिया जा रहा है। फेसबुक मैसेंजर और वीडियो कॉलिंग के जरिए हनी ट्रैप में फांसकर ठगी के मामले भी जानकारी में आए हैं। इसके बाद भी पुलिस के पास इन मामलों से निपटने और जांच करने के लिए पर्याप्त स्टाफ ही नहीं है। ज्यादातर मामलों में सिर्फ रिपोर्ट दर्ज करने की औपचारिकता भर की जा रही है। साइबर सेल के पास महज दो दरोगा और 11 सिपाही हैं। जबकि कमिश्नरेट के पास 36 थाने हैं। ऐसे में हर थाने में 'साइबर मैन' की तैनाती का वादा सिर्फ कागजी साबित हो रहा है।
हर थाने में साइबरमैन का वादालगभग 20 दिन पहले कोरोना काल के दौरान साइबर ठगी की वारदातें बढ़ गई थीं। थानों में साइबर क्राइम से पीडि़त लोगों की सुनने वाला कोई नहीं था। थानों में तैनात सिपाही तहरीर लेकर जब तक उसकी बारीकी समझते थे। तब तक खाते से रुपये ट्रांसफर हो जाते थे। इस गैप को भरने के लिए हर थाने में 'साइबर मैन' की तैनाती करने का आदेश पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने जारी किया था। साथ ही चार दिन की स्पेशल ट्रे¨नग सेशन भी रखा गया था। इस सेशन में मौजूद पुलिसकर्मियों को एटीएस की तर्ज पर साइबर की ट्रे¨नग दी गई थी।
शहर पुलिस से निकाले गए 'साइबर मैन' शहर पुलिस के सिपाहियों में जब जानकारी की गई तो सिर्फ 6 सिपाही बीटेक मिले और उन्हें सर्विलांस में रुचि भी थी। ऐसे में उनकी भी ट्रे¨नग कराई गई। कुल मिलाकर शहर के साइबर सेल में 13 पुलिस कर्मी हो गए। अब कमिनश्नरेट के हर थाने में 'साइबर मैन' तैनात करने के लिए 36 पुलिसकर्मी और पूरे जिले में 'साइबर मैन' तैनात करने के लिए 45 पुलिस कर्मी चाहिए। जिसकी वजह से शासन से 'साइबर मैन' की मांग की गई है।हर थाने में साइबरमैन की तैनाती की जाएगी। जिससे आने वाले हर शिकायतकर्ता के खाते से रुपए निकलने से पहले ही ठगों का खाता फ्रीज करा दिया जाए। साथ ही लोग बढ़ने से साइबर थाने की पेंडेंसी कम होगी और अपराधी पकड़े जाएंगे।
असीम अरुण, सीपी कानपुर साइबर थाना एक नजर में -स्टाफ : दो दरोगा 11 सिपाही -लंबित केस : 39 (17 अप्रैल से 25 मई तक) -कुल लंबित मामले : 87 -साल 2020 में हल किए गए 17 मामले -लगभग 13 लाख की रकम वापस आई -साल 2021 में सिर्फ 6 मामले हल किए -लगभग आठ लाख की रकम वापस आई इस तरह से लगा रहे चपत -एटीएम क्लोनिंग के जरिए -ई मेल को हैक करके -आधार डिटेल व ओटीपी पूछकर -एनी डेस्क एप डाउनलोड कराकर -वाट्सएप पर लिंक भेजकर -कंपनी के कस्टमर केयर अधिकारी बनकर