5 दशक का डेटा होगा ऑनलाइन
-सीएसजेएम यूनिवर्सिटी स्थापना से लेकर अब तक के सभी महत्वपूर्ण डेटा को डिजिटली संजोएगी
KANPUR: सीएसजेएम यूनिवर्सिटी अपनी स्थापना से अब तक 55 साल का डेटा डिजिल फॉर्म में सिक्योर करेगी। इसमें छात्रों, कर्मचारियों और शिक्षकों का सालों पुराना डेटा है जो धीरे-धीरे खराब हो रहा है। अभी जो डेटा यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर सेंटर में है उसे सुरक्षित करने के लिए स्टेट डेटा सेंटर में अपलोड करके इसकी शुरुआत कर दी गई है। कॉलेजों से मांगा डिटेल यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने स्टूडेंट पोर्टल बनाने के साथ उनकी परीक्षा के मद्देनजर क्वैश्चन बैंक बनाए जाने का भी ब्लू प्रिंट तैयार किया है। इसके अलावा कॉलेज के टीचर्स का डेटा बेस भी बनाना शुरू कर देगा। इसके लिए गवर्नमेंट, ऐडेड और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों से टीचर्स का डिटेल मांगा गया है। मूल्यांकन में होगी आसानीवीसी प्रो। विनय पाठक ने बताया कि इसके दो फायदे होंगे। एक तो टीचर्स का डेटा बेस तैयार होने से यह पता चलेगा कि यूनिवर्सिटी से कितने टीचर्स जुड़े हुए हैं। इसके अलावा मूल्यांकन के लिए अनुभवी टीचर्स की लिस्ट बनाना आसान हो जाएगा। किसी भी कॉलेज से नौकरी छोड़ने वाले टीचर के बारे में प्रबंधन को इसी डेटा बेस में अपडेट कराना होगा।