देश में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के चलते डिजिटल जर्नलिज्म की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है. डिजिटल जर्नलिज्म ने रीयल टाइम न्यूज के रूप में पत्रकारिता के नये आयाम को जन्म दिया है. डिजिटलाइजेशन को देखते हुए सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने डिजिटल जर्नलिज्म के मास्टर ऑफ आट्र्स कोर्स को शुरू करने की प्लानिंग की है. सर्टिफिकेट कोर्स इन टीवी जर्नलिज्म और सर्टिफिकेट कोर्स इन सोशल मीडिया भी शुरू किया जा रहा है.

कानपुर (ब्यूरो) पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री वाले इस कोर्स में एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन स्तर पर किसी भी स्ट्रीम से स्टूडेंट का 40 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना अनिवार्य है। चार सेमेस्टर में चलने वाले इस कोर्स की फीस 39,200 रुपये वार्षिक रखी गई है। जिसमें प्रवेश के लिए यूनिवर्सिटी की वेबसाइट या विभाग में सीधे तौर पर संपर्क किया जा सकता है। इस कोर्स में सीटों की संख्या 30 रखी गई है।

कोर्स के बाद कई विकल्प
डिजिटल जर्नलिज्म के माध्यम से स्टूडेंट्स को कंटेंट राइटर, कॉपी राइटर, जनसंपर्क अधिकारी, वेब एडिटर, क्रिएटिव राइटर आदि की पोस्ट पर जॉब के अवसर मिल सकते हैं। इसके अलावा यूट्यूबर्स, स्टोरी टेलर्स के रूप में अपने कॅरियर को चुना जा सकता है। बहुत सारे मीडिया प्लेटफार्म के लिए डिजिटल जर्नलिस्ट की जरूरत है, जिसे पूरा करने के लिए एमए इन डिजिटल जर्नलिज्म बहुत सहायक साबित हो सकता है।

माखनलाल यूनिवर्सिटी की तरह
यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि डिजिटल प्लेटफार्म को माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी के तर्ज पर शुरू किया जा रहा है। इसमें अत्याधुनिक संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही सर्टिफिकेट कोर्स इन टीवी जर्नलिज्म और सर्टिफिकेट कोर्स इन सोशल मीडिया भी शुरू किया जा रहा है। छह महीने के कोर्स की फीस 10 हजार रुपये होगी।


वर्तमान समय डिजिटल मीडिया का है लेकिन डिजिटल मीडिया के लिए पत्रकारों के प्रशिक्षण का अभाव सा है। डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म पर कार्य करने के लिए प्रशिक्षित पत्रकारों की कमी पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय में इस नये कोर्स को शुरू किया जाएगा।
प्रो। विनय कुमार पाठक, वीसी, सीएसजेएमयू

Posted By: Inextlive