सीएसजेएमयू में सस्पेंडेड स्टूडेंट्स को टाइम पूरा होने के बाद भी नहीं किया बहाल
कानपुर (ब्यूरो)। आमतौर पर कोई भी क्राइम करने पर क्रिमिनल को सजा मिलती है। सजा के दौरान कई बार अच्छे बर्ताव या अच्छे काम पर सजा माफ भी की जाती है, लेकिन छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी यानि सीएसजेएमयू में तानाशाही के चलते स्टूडेंट्स को 50 दिन की ज्यादा सजा काटनी पड़ी। दरअसल, 9 महीने पहले मारपीट के एक मामले में स्टूडेंट्स को दिसंबर तक के लिए सस्पेंड किया गया था, उस वक्त उनसे कहा गया कि अगर वो यूनिवर्सिटी में सेवा कार्य करेंगे तो जल्द बहाल कर दिये जाएंगे। स्टूडेंट्स ने सेवा कार्य किया और अपना सजा का टाइम भी पूरा किया, लेकिन 50 दिन बीतने के बाद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन्हें बहाल नहीं किया।
स्टूडेंट्स का फूटा गुस्सा
ऐसे में वेडनेसडे को स्टूडेंटृस का गुस्सा फूट पड़ा। सीएसजेएमयू गेट पर यूनिवर्सिटी के तानाशाही रवैया से परेशान स्टूडेंट्स ने धरना दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन मुर्दाबाद और समय बीता अब तो करो बहाल जैसे नारे लगाए। इस दौरान यूनिवर्सिटी के कई अफसरों ने स्टूडेंट्स से बात की लेकिन बेनतीजा रही। इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आनन फानन सभी स्टूडेंट्स को एक दिन पहले का बहाली लेटर जारी किया। जिसमें सभी नौ स्टूडेंट्स को एग्जाम में बैठने और एडमिशन की परमिशन दी गई है। हालांकि खबर लिखे जाने तक स्टूडेंट हास्टल फैसिलिटी मिलने और फाइन माफ करने को लेकर धरने पर बैठे रहे।
सस्पेंड और धरना देने वाले छात्र अभिजीत राय ने बताया कि यूनिवर्सिटी में उनसे कहा गया कि सोशल वर्क करो तो सस्पेंशन के समय को घटा दिया जाएगा। सभी सस्पेंड स्टूडेंट्स ने एक महीने तक यूनिवर्सिटी के अलग-अलग डिपार्टमेंट में सोशल वर्क किया, जिसकी रिपोर्ट भी सबमिट की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि ऑर्डर में लिखा दिसंबर 2023 तक का समय भी बीत चुका है। समय बीतने और सोशल वर्क करने के बाद भी स्टूडेंट को बहाल नहीं किया गया है। इस बीच उनके एग्जाम भी छूट गए हैं। धरना दे रहे स्टूडेंट से कहा कि जब तक उनके सस्पेंशन को बहाल नहीं किया जाएगा तब तक वो धरना देते रहेंगे।
यह था पूरा मामला
27 अप्रैल 2023 को सीएसजेएमयू कैंपस के बाहर मकड़ीखेड़ा की ओर जाने वाली रोड में दो स्टूड़ेंट्स ग्रुप में मारपीट हुई थी। मारपीट करने वालों मेें जूनियर और सीनियर स्टूडेंट थे। मामले में पुलिस की ओर से एफआईआर भी दर्ज की गई थी। घटना को संज्ञान में लेते हुए दो मई को रजिस्ट्रार डॉ। अनिल यादव ने बीटेक। बीजेएमसी, बीबीए और एमएमसी (माइक्रोबायोलाजी) कोर्स के 09 स्टूडेंट्स को दिसंबर 2023 तक के लिए कोर्स से सस्पेंड किया गया था। इसके साथ साथ अनुशासनात्मक कार्यवाही में एग्जाम में शामिल होने की परमिशन, हास्टल फैसिलिटी न देने, 20 हजार का फाइन (प्रति छात्र) और कैंपस में एंट्री बैन की गई थी। अब दिसंबर 2023 का समय बीतने के बाद भी बहाली न होने पर स्टूडेंट्स ने प्रोटेस्ट का रास्ता अपनाया है।
सीएसजेएमयू के चीफ प्राक्टर डॉ। प्रïवीण कटियार ने बताया कि सभी सस्पेंड किए गए स्टूडेंट्स को 20 फरवरी को बहाल किया जा चुका है। हास्टल की फैसिलिटी न देने और 20 हजार फाइन की कार्यवाही यथावत रहेगी। अब सवाल है कि दिसंबर 2023 में समय पूरा होने के तत्काल बाद जनवरी 2024 में ही स्टूडेंट्स को बहाल क्यों नहीं किया गया। 50 दिन का अतिरिक्त समय क्यों लगा। वहीं, सूत्रों ने बताया कि स्टूडेंट्स के धरने के चलते यूनिवर्सिटी के अफसरों ने लेटर में पेन से एक दिन पुरानी डेट 20 फरवरी लिखकर बहाली की सूचना को जारी किया है। ताकि यूनिवर्सिटी की प्रोसीडिंग पर सवाल न खड़े हो सकें।