सीएसजेएमयू के फाइनल एग्जाम 16 जुलाई से होंगे
- एक अगस्त तक चलेंगे एग्जाम, सिर्फ बहुविकल्पीय सवाल ही पूछे जाएंगे, डाक से भेजे जाएंगे एग्जाम पेपर
- ग्रेजुएशन सेकेंड व थर्ड ईयर और पीजी लेवल पर लास्ट ईयर के ही एग्जाम होंगे, रिजल्ट के बाद घर भेजी जाएंगी मार्क्सशीट KANPUR: सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के लाखों स्टूडेंट्स के फाइनल एग्जाम को लेकर संस्पेंस खत्म हो गया है। एग्जाम 16 जुलाई से होंगे। यह एग्जाम एक अगस्त तक चलेंगे। यूनिवर्सिटी की ओर से थर्सडे को हुई एग्जाम कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। ग्रेजुएशन के सेकेंड और थर्ड ईयर के और पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर के ही एग्जाम होंगे। हालांकि एग्जाम का प्रारूप बहुविकल्पीय रखा जाएगा। जिससे कॉपियों की चेकिंग आसानी से हो सके और समय पर रिजल्ट भी घोषित किया जा सके। वहीं प्रैक्टिकल न कराकर मौखिक परीक्षाएं ऑनलाइन कराई जाएंगी। अगस्त में आएगा रिजल्टयूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो। विनय पाठक ने कहा कि एग्जाम खत्म होने के बाद अगस्त अंत तक रिजल्ट जारी कर दिए जाएंगे। बैठक में रजिस्ट्रार डा.अनिल यादव, डीन एकेडमिक्स डा.संजय स्वर्णकार, डा.नंदलाल, डा.बीडी पांडेय, प्रो.अंशू यादव आदि उपस्थित रहीं।
क्वैश्चन पेपर डाक से भेजे जाएंगेअभी तक यूनिवर्सिटी से एग्जाम को लेकर प्रश्नपत्र व उत्तरपुस्तिकाओं को भेजने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन अपने संसाधनों का उपयोग करता था। हालांकि भविष्य में अब कालेजों में क्वैश्चन पेपर व आंसर शीट डाक से भेजी जाएंगी।
डिग्री शुल्क को लेकर फैसला नहीं विवि से आने वाले समय में अंकतालिका व डिग्रियां घर भेजी जाएंगी। विवि प्रशासन ने कई दिनों पहले यह निर्णय लिया था, हालांकि डिग्री के शुल्क को लेकर अभी प्रशासनिक अफसर कोई फैसला नहीं कर पा रहे हैं। कूटा ने उठाया सवाल कूटा अध्यक्ष डा.बीडी पांडेय व महामंत्री अवधेश यादव समेत अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि क्वैश्चन पेपर का प्रारूप बहुविकल्पीय के बजाए, पिछले वर्षों में कोरोना महामारी के दौरान जो प्रारूप लागू हुआ था, उसे ही क्रियान्वित करें। सेल्फ फाइनेंस सब्जेक्ट से भी पीएचडीयूनिवर्सिटी कैंपस के सभी फैकल्टी सदस्यों को सुपरवाइजर बनाने के फैसले पर अंतिम मोहर नहीं लगी है। लेकिन यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस पर काम तेजी से हो रहा है। हालांकि, इसके लिए फैकल्टी के पास पीएचडी की डिग्री और कम से कम तीन शोध पत्रों का प्रकाशन जरूरी है। जो मानक तय हुए हैं, उसके हिसाब से लगभग सभी सदस्यों को पीएचडी कराने का मौका आसानी से मिल जाएगा। अब इस मामले में महज आदेश जारी होना बाकी है। ऐसे में जब फैकल्टी सदस्य सुपरवाइजर होंगे तो वो अपने मार्गदर्शन में छात्रों को पीएचडी करा सकेंगे। गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी में मई 2019 में जब पीएचडी एग्जाम कराए गए थे तो उसमें हिंदी, पॉलिटकल साइंस, हिस्ट्री, संस्कृत, इंग्लिश समेत कई सब्जेक्ट शामिल थे। इनमें सभी विषय वह थे, जो एडेड कॉलेजों में प्रमुख रूप से पढ़ाए जाते हैं। उस समय किसी सेल्फ फाइनेंस विभाग के विषय को शामिल नहीं किया गया था।