हेल्थ सेक्टर में साथ रिसर्च करेंगे सीएसजेएमयू और जीएसवीएम
कानपुर (ब्यूरो) कुलपति प्रो। विनय कुमार पाठक ने कहा कि कोविड काल में भारत ने अन्य देशों की अपेक्षा जमीनी स्तर पर काफी अच्छा कार्य किया। लेकिन उन आंकड़ों का अनुसंधान की दृष्टि से अध्ययन नहीं हो पाया, जबकि अन्य देशों में किये गये कार्यों का प्रस्तुतीकरण और प्रकाशन किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में होने वाले अधिकतम अनुसंधान संस्थानों के परस्पर सहयोग से हो रहे हैं। बदलते हुए परिवेश में हमें अनुसंधान और अनुसंधानपरक प्रकाशन के प्रवाह के साथ चलने के लिए परस्पर सहयोग की आवश्यकता है।
रिसर्च पर रहेगा फोकस
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ। संजय काला ने कहा कि मेडिकल कालेज और सीएसजेएमयू के परस्पर सहयोग से चिकित्सा क्षेत्र में अनेकानेक अनुसंधान किये जा सकते हैं। यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेस, लाइफ साइंसेस, बायोटेक्नोलॉजी के साथ सभी प्रकार के रिसर्च का लक्ष्य इस एमओयू से पूरा होगा। उन्होंने कहा कि हमें रिसर्च क्षेत्र में अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को भी ऐसे कार्यों के लिए प्रेरित करने की जरूरत है।
बीमारियों से बचाव के रास्ते
प्रति कुलपति प्रो। सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि इस एमओयू से विभिन्न बीमारियों के मॉलीक्यूलर एवं सिग्नेचर जीन पर साथ मिलकर कर रिसर्च किया जा सकता है। इस रिसर्च से होने वाली बीमारियों के बचाव के रास्ते पहले ही निकाले जा सकेंगे। स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेस के डॉ। प्रवीन कटियार ने इस एमओयू को छात्रों के लिए एक अच्छा अवसर बताया। संचालन स्कूल आफ हेल्थ साइंसेस के निदेशक डॉ। दिग्विजय शर्मा ने किया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ। अनिल कुमार यादव, वित्त अधिकारी पीएस चौधरी, डॉ। वर्षा प्रसाद, डॉ। मुनीश रस्तोगी, मेडिकल कालेज से प्रो। डॉली रस्तोगी आदि उपस्थित रहे।