स्टीरियोटेक्टिक फ्रेम आसान करेगा ब्रेन के ट्रीटमेंट की राह
-पीएमएसएसवाई के तहत बन रही सुपर स्पेशिएलिटी विंग में एक 1.05 करोड़ की लागत से आएंगे दो फ्रेम
-ब्रेन की बायोप्सी से ले थ्री डी इमेजिंग और सर्जरी में भी मिलेगी मदद, एसजीपीजीआई की दौड़ होगी खत्म KANPUR: ब्रेन से जुड़ी हर क्रिटिकल प्रॉब्लम और सर्जरी के लिए अब पेशेंट्स को लखनऊ और दिल्ली का रुख नहीं करना पड़ेगा। पीएमएसएसवाई के तहत हैलट कैम्पस में निर्माणाधीन सुपरस्पेशिएलिटी ब्लॉक में जल्द स्टीरियोटेक्टिक सर्जरी और डायग्नोसिस की सुविधा भी मिलेगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा ब्रेन ट्रयूमर, ब्रेन कैंसर के पेशेंट्स को मिलेगा। जिन्हें डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट दोनों के लिए दिल्ली या लखनऊ आना पड़ता है। सुपरस्पेशिएलिटी ब्लॉक में इस सुविधा के लिए 1.05 करोड़ की लागत से दो स्टीरियोटेक्टिक फ्रेम की खरीद का ऑर्डर दिया गया है। जोकि अगस्त तक संस्थान में आ जाएंगे। डायग्नोसिस और सर्जरी दोनोंजीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ.मनीष सिंह जानकारी देते हैं कि मौजूदा दौर में स्टीरियोटेक्टिक फ्रेम के जरिए रेडियोडायग्नोसिस में काफी मदद मिलती है। इसके इस्तेमाल से सीटी स्कैन के जरिए थ्रीडी इमेजिंग तैयार की जा सकती है। जिससे पेशेंट के ब्रेन में मौजूद ट्यूमर की सबसे सटीक लोकेशन, उसके साइज का पता लगाया जाता है। इस फ्रेम के जरिए सीटी गाइडेड प्रोसीजर भी किए जा सकते हैं। साथ ही अगर डॉक्टर को लगता है तो सर्जरी या टयूमर की बायोप्सी की जरूरत है तो एक छोटे से छेद के जरिए बायोप्सी के लिए सैंपल भी लिया जा सकता है और सर्जरी करके ट्यूमर को निकाला भी जा सकता है। मौजूदा दौर में ब्रेन कैंसर के पेशेंट्स में लीनियर एक्सलरेटर मशीन से टारगेटेड रेडियोथेरेपी में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
चुनिंदा संस्थानों में सुविधा स्टीरियोटेक्टिक सर्जरी और इमेजिनिंग की सुविधा अभी देश के चुनिंदा सरकारी संस्थानों में ही है। एम्स, जिपमर, पीजीआई चंडीगढ़, निम्हेंस बेंगलुरू और एसजीपीजीआई लखनऊ में ही इसके जरिए सर्जरी और डायग्नोसिस की सुविधा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ऐसा छठवां सरकारी संस्थान बनेगा। इसका इस्तेमाल न्यूरो सर्जरी और न्यूरो डायग्नोसिस डिपार्टमेंट में किया जा सकेगा। जिसके लिए सुपरस्पेशिएलिटी ब्लॉक में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन की स्थापना का काम भी चल रहा है। जिन दो फ्रेम का आर्डर दिया गया है। उसमें एक की कीमत 15 लाख रुपए और दूसरे फ्रेम की कीमत 90 लाख रुपए है। क्या है स्टीरियोटेक्टिक फ्रेमयह एक तरह का मेटल फ्रेम है जिसे सिर पर लगाया जाता है। जोकि पूरे ब्रेन को कवर करता है। इसके जरिए ब्रेन के टारगेटेड प्रोसीजर करने में मदद मिलती है। इसका इस्तेमाल ब्रेन की थ्रीडी इमेजिंनिंग में भी किया जाता है। साथ ही इसे सर्जरी और बायोप्सी कलेक्शन में भी यूज किया जाता है।
किन बीमारियों के मरीजों को फायदा- ब्रेन कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, पार्किसंस डिसीज, डिस्कैनेडिया। फ्रेम के क्या क्या इस्तेमाल- रेडियोइमेजिंग बेस्ड सर्जरी, बायोप्सी, सर्जरी, रेडियोथेरेपी, अदर न्यूरोलॉजिकल प्रोसीजर्स। ------------------ चुनिंदा संस्थानों में सुविधा -स्टीरियोटेक्टिक सर्जरी और इमेजिनिंग की सुविधा वर्तमान में देश के चुनिंदा सरकारी संस्थानों में - एम्स, जिपमर, पीजीआई चंडीगढ़, निम्हेंस बेंगलुरू और एसजीपीजीआई लखनऊ में है यह सुविधा - जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज यह सुविधा देने वाला देश का छठवां सरकारी संस्थान बनेगा - इसका इस्तेमाल न्यूरो सर्जरी और न्यूरो डायग्नोसिस डिपार्टमेंट में किया जा सकेगा। - सुपरस्पेशिएलिटी ब्लॉक में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन की स्थापना का काम चल रहा -जिन दो फ्रेम का ऑर्डर दिया गया है। उसमें एक की कीमत 15 लाख और दूसरे की 90 लाख रुपए