क्राइम शो बना रहे युवाओं को अपराधी
कानपुर (ब्यूरो) 1090 की एक काउंसलर ने एक घटना दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से शेयर की। एक ठेकेदार के परिवार में दो बेटियां और उनकी पत्नी है। ठेकेदार पर इंटरनेट मीडिया और सीरियल्स का इतना प्रभाव है कि वह खुद को नायक समझने लगा है। पीडि़ता ने काउंसलर को बताया कि पहले पिता उसकी बड़ी बहन से संबंध बनाता रहा और अब उससे संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है। संबंधित थाने में इसकी जानकारी दी गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पिता किसी भी हालत में मानने को तैयार नहीं। गुरुवार को काउंसलर के पास पहुंची युवती ने बताया कि उसकी मदद करें अन्यथा अनर्थ हो जाएगा।
नशे की लत और गर्लफ्रेंड
युवओं के अपराधी बनने के पीछे नेश की लत और गलफ्रेंड का शौक भी अहम वजह है। बीते एक साल में ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें युवा गर्लफ्रेंड के शौक पूरा करने के लिए चेन और मोबाइल स्नेचिंग के साथ बाइक चोरी करने लगे थे। कमिश्नरेट बनने के बाद से चेन स्नेचिंग की 68 वारदातें हुईं, जबकि मोबाइल स्नेचिंग की 213 और वाहन चोरी की 66 वारदातें हुईं। पुलिस और क्राइम ब्रांच ने तमाम वारदातों का खुलासा करते हुए इन्हें अंजाम देने वाले दो दर्जन से ज्यादा युवा पकड़े। कई मामलों में तो अपराधी नाबालिग निकले।
- जमीन जायदाद और संपत्ति
- प्रेम संबंधों की वजह से
- शौक पूरे करने की वजह से
- वर्चस्व की जंग में
- परिवारिक रंजिश में
-जल्द अमीर बनने की चाहत
-अकेलापन और संस्कारों की कमी सामाजिक संबंधों का ढांचा दरक रहा है। मां और पिता बॉयोलॉजिकल पैरेंट्स हो गए हैैं। रिश्ते दांव पर लगे हैैं। माता पिता को चाहिए कि वे अपनी संतान के हर काम पर नजर रखें। देखें कि उसकी मानसिक हालत क्या है? बच्चे समाज की सुनहरी चीजों को शॉर्टकट से पाना चाहते हैैं।
डॉ। विशेष गुप्ता, समाज शास्त्री कहीं न कहीं पैरेंटिंग कमजोर पड़ रही है। लोवर क्लास का बच्चा टीवी पर आने वाले सीरियल्स से सम्मोहित हो रहा है। बिना किसी काम या मेहनत के करोड़पति बनना चाहता है। इसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार है। बीते तीन दशकों में सोच का अंतर आया है। रिश्ते रिश्ते नहीं रह गए हैैं। समस्या से निजात पाने के लिए सोशल एजुकेशन की जरूरत है।
डॉ। नीरू टंडन, एसोसिएट प्रोफेसर
टीवी और इंटरनेट पर क्राइम से जुड़ी रियल स्टोरीज का असर भी जेहन पर पड़ता है। ब्रेन में उस तरह के ख्याल बार बार आने पर मौजूदा समय में टॉलरेंस कम होने पर लोग हर चीज में जल्दबाजी करते हैैं। जिसकी वजह से कई बार वे गलती कर जाते हैैं। इस तरह की टेंडेंसी यंगस्टर्स में भी बढ़ रही है।
डॉ.मनीष निगम, सीनियर साइक्रेटिस्ट
डॉ। सुनीता आर्या, एसोसिएट प्रोफेसर डीजी कॉलेज