समलैंगिक शादी पर पाबंदी असंवैधानिक करार
नवंबर 2008 में हुए जनमतसंग्रह के बाद कैलीफ़ॉर्निया में समलैंगिकों की शादी पर पाबंदी लगा दी गई थी। इसे प्रोपोज़ीशन 8 का नाम दिया गया था।
लेकिन एक समलैंगिक जोड़ी ने जनमतसंग्रह के नतीजे को चुनौती दी थी और कहा था कि अमरीकी संविधान के तहत ये उनके हक़ का उल्लंघन है। इसके बाद निचली अदालत ने 2010 में शादी पर प्रतिबंध के फ़ैसले को पलट दिया था।अब 9th यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ़ अपील्स की तीन सदस्यीय बैंच ने अपने फ़ैसले में कहा है कि पूर्व में आया निचली अदालत का फ़ैसला सही था।पाबंदी का समर्थन करने वाले लोगों ने पहले ही कहा था कि अगर यूएस कोर्ट ऑफ़ अपील्स ने समलैंगिकों की शादी पर प्रतिबंध हटाया तो वे अपील करेंगे। माना जा रहा है कि अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा।पूर्व जज ने बताया मैं समलैंगिक हूँ.यूएस कोर्ट ऑफ़ अपील्स ने ये भी कहा है कि इस बात के कोई सुबूत नहीं है कि निचली अदालत के जज ने पक्षपात किया था और ये भी कहा है कि उन्हें ये बताने की ज़रूरत नहीं थी कि वे समलैंगिक हैं।
दरअसल रिटायर होने के बाद जज ने ये सार्वजनिक तौर पर कह दिया था कि वे समलैंगिक हैं। इसी को कारण बताते हुए कई लोगों ने जज के फ़ैसले को पलटने की माँग की थी।
यूएस कोर्ट ऑफ़ अपील्स का ये फ़ैसला केवल कैलीफ़ोर्निया पर लागू होगा। इस मामले पर फ़ैसला आने तक कोर्ट ने समलैंगिक शादियों पर रोक लगाई हुई थी।अमरीका में छह राज्यों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ़ कोलंबिया में समलैंगिक शादियाँ वैध मानी जाती हैं। दो फ़रवरी को पारित हुए विधेयक के बाद वाशिंगटन में भी ये वैध हो जाएगी।