इतिहास के महानतम योद्धाओं में से एक और विश्व विजेता सिकंदर महान का सच्चा वारिस कौन है? इस पर ग्रीस और मैसेडोनिया के बीच विवाद शुरू हो गया है.


यह मामला मंगलवार को रिपब्लिक ऑफ मैसेडोनिया की राजधानी स्कॉपजे में सिकंदर महान की 13 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने के बाद से सुर्खियों में आ गया है.
इटली में निर्मित कांसे की इस मूर्ति की कीमत एक करोड़ 13 लाख डॉलर (लगभग साढ़े 58 करोड़ रुपये) है। शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ग्रीस ने आरोप लगाया है कि सिकंदर महान को अपना बता कर मैसेडोनिया उसकी प्राचीन विरासत को चुरा रहा है.’
मू्र्तिकार वैलेंटिना स्टेफानोवस्का ने कहा, ‘मैं तीन साल से इस पर काम कर रही थी। यह मूर्ति हमारी आने वाली नस्ल के लिए एक प्रेरणा होगी।’ उन्होंने कहा, ‘सिकंदर महान का जन्म उत्तरी ग्रीस के पेल्ला में हुआ था, लेकिन उनके सम्राजय का एक हिस्सा वर्तमान रिपब्लिक ऑफ मैसेडोनिया भी था.’
हालांकि उसके पड़ोसी ग्रीस ने इस पहल को अनावश्यक बताया है। ग्रीस के मुताबिक मैसेडोनिया यह प्रतिमा लगा कर सिकंदर महान को अपना प्राचीन नायक बताने का दावा कर रहा है.
ग्रीस के विदेश मंत्री ग्रेगरी डेलावेकोरस ने कहा, ‘मामले ने दोनों देशों के संबंध बिगाड़ दिए है। उल्लेखनीय है कि मैसेडोनिया दक्षिण पूर्व यूरोप में स्थित देश है, जिसे पूर्व यूगोस्लाविया का उत्तराधिकारी राष्ट्र भी कहा जाता है। जबकि मैसेडोनिया नाम से उत्तरी ग्रीस का एक प्रांत भी है.
ऐतिहासिक रूप से सिकंदर महान और उनके पिता फिलिप द्वितीय का जन्म स्थान ग्रीस के इसी प्रांत को माना जाता है। इस नाम को लेकर ग्रीस और मैसेडोनिया में पिछले 20 साल से विवाद चल रहा है। मैसेडोनिया यूरोपीय संघ (ईयू) की सदस्यता का एक उम्मीदवार देश है.
ईयू के इंलार्जमेंट कमिशनर स्टेफन फुले ने कहा, ‘अगर मैसेडोनिया ने ग्रीस की भावनाओं को आहत करने वाले काम जारी रखे तो उसे ईयू के उम्मीदवार राष्ट्र का दर्जा खोना पड़ सकती है.’

-एजेंसी

Posted By: Inextlive