ऑनलाइन निगरानी से बच रहे कॉलेज
- टेक्निकल एक्सपर्ट की टीम कॉलेज-कॉलेज जाकर दूर कर रही संचालकों की परेशानी
- पासवर्ड और लागइन चेक किए, कानपुर देहात, इटावा व औरैया के थे यह कॉलेज - 450 से अधिक एग्जाम सेंटर्स पर सीएसजेएमयू के कंप्यूटर सेंटर से हो रही निगरानी - 10 से अधिक एग्जाम सेंटर्स को टेक्निकल एक्सपर्ट की टीम ने किया ऑनलाइनKANPUR: सीएसजेएम यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों पर अपना निगरानी तंत्र बढ़ा दिया है। लेकिन कई कॉलेज इससे बचने की कोशिश में नजर आ रहे हैं। वह नेटवर्क और अन्य टेक्निकल दिक्कतें बताकर बचने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ कॉलेजों का तर्क है कि तकनीकी दिक्कत के कारण वह कैमरा शुरू नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे कालेज अब टेक्निकल टीम के निशाने पर हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने टेक्निकल एक्सपर्ट की टीम बना दी है। अब यह टीम एग्जाम सेंटर्स पर जाकर कालेज कैंपस को ऑनलाइन कर रही है। ईयरली एग्जाम के लिए बनाए गए 450 से अधिक एग्जाम सेंटर्स पर सीएसजेएमयू के कंप्यूटर सेंटर से निगरानी रखी जा रही है।
नकल कराए जाने की गतिविधियांएग्जाम शुरू होने से लेकर अब तक मानीट¨रग सेंटर के जरिए एक दर्जन से अधिक ऐसे कॉलेज सामने आ चुके हैं जिनमें नकल कराए जाने की गतिविधियां देखी गईं। इनमें से छह सेंटर्स को बदल दिया गया जबकि अन्य केंद्रों में दो आब्जर्वर बिठाकर एग्जाम कराया गया। इसके अलावा ऐसे कालेज भी यूनिवर्सिटी के कंट्रोल रूम से पकड़े गए जो अपने कैंपस के कैमरे नहीं खोल रहे थे। उनसे जब लागइन व पासवर्ड देने के लिए कहा गया तो उन्होंने तकनीकी गड़बड़ी की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया।
दस से अधिक किए ऑनलाइन ऐसे कालेजों पर यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनिय¨रग एंड टेक्नोलाजी के प्रोफेसर व कंप्यूटर सेंटर के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम बनाकर भेजी गई। इस टीम ने दस से अधिक कॉलेजों में जाकर उन्हें ऑनलाइन किया। तकनीकी टीम के कुछ सदस्यों को सिटी कार्डिनेटर के साथ भी सहायता के लिए कंट्रोल रूम में बिठाया गया है। वाइस चांसलर प्रो। विनय पाठक ने बताया कि जो कॉलेज आनलाइन मानीट¨रग में सहयोग नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई तय है।