शहर को नं. 1 बनाने के लिए जर्मनी से मिलाया हाथ
कानपुर (ब्यूरो) स्मार्ट सिटी अधिकारियों के मुताबिक अलग-अलग जोनों में जमीनों को चिन्हित कर लिया गया है। इन जगहों पर पर जल्द काम शुरू करवाया जाएगा। संभावना है कि अगले दो महीने तक कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। इस प्लांट को लगाने के लिए लगभग पांच करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। वहीं, पनकी भौसिंह भी कचरे को ले जाया जाता है।
पहले एक ट्रायल सेंटरस्मार्ट सिटी मिशन इस कार्य को जल्द जल्द से पूरा करना चाहता है। यही वजह है कि जर्मनी की कंसलटेंसी कंपनी से जोन-2 में एक मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर बनाना चालू करवा दिया गया है। इसके बनने के बाद इसका ट्रायल होगा। इसके बाद अन्य जोनों में भी इसका काम तेजी से शुरू करवाया जाएगा।
कूड़ा फैलना होगा खत्म
शहर के विभिन्न चौराहे, मार्केट, गली, सड़क, ग्राउंड समेत अन्य जगहों पर कूड़े का ढेर लगा होता है। कई जगहों पर तो सड़कों के किनारे कूड़ा घर बने होने से कचरा सड़क पर पड़ा रहता है। जिससे वहां स्थानीय और गुजरने वाले लोगों को बदबू और गंदगी झेलनी पड़ती है, ऐसे में एमआरएफ के बनने से यहां फैले कचरों से निजात मिल सकता है, क्योंकि सूखे कूड़ों को यहां से नजदीकी अपने जोन के सेंटर में ले जाया जाएगा।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की रैकिंग में अव्वल आने के लिए आए दिन मेयर प्रमिला पांडेय व म्यूनिसिपल कमिश्नर शिवशरणप्पा जीएन अफसरों के साथ मीटिंग करने के साथ जगह-जगह का मुआयना कर रहे हैं। 110 वार्डों में स्थित हर घर से गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाने की तैयारी की जा रही है। दावा है कि वर्तमान में 89 वार्डों में घर-घर से कूड़ा उठाने की कवायद चल रही है।