- कोरोना का कहर कम होते ही शहर के डेवलपमेंट को रफ्तार देने की कवायद शुरू, विजन डॉक्यूमेंट और डेवलपमेंट प्लान पर कमिश्नर ने मांगी रिपोर्ट

-15 विभागों से मांगे गए कम से कम 3 से 10 प्रोजेक्ट की डिटेल, पीपीपी मॉडल से भी संचालित होंगे कई प्रोजेक्ट्स

KANPUR: कोरोना संक्रमण के कारण शह के विकास पर लगा ब्रेक हट गया है। रुकी हुई योजनाओं को फिर से रफ्तार देने की शुरुआत हो गई है। शहर के समग्र विकास को लेकर तैयार किए जा रहे विजन डॉक्यूमेंट और सिटी डेवलपमेंट प्लान के लिए फिर से रिपोर्ट तैयार की जा रही है। कमिश्नर डॉ। राजशेखर ने 'बुके ऑफ प्रोजेक्ट्स' नाम देकर विकास कार्यो की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर 25 मई को कैंप ऑफिस में मीटिंग भी बुलाई है। 15 विभागों से कम से कम 3 प्रोजेक्ट की रिपोर्ट मांगी गई है।

पीपीपी मॉडल को प्राथमिकता

शहर के प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 का ड्राफ्ट 31 मार्च तक तैयार किया जाना था। लेकिन, कोरोना प्रभाव बढ़ने से ये ठंडे बस्ते में चला गया था। केडीए को इसका नोडल इंचार्ज बनाया गया है। इसमें लोगों से आपत्ति भी मांगी जाएगी। सभी आपत्तियों का निस्तारण कर बाद प्रोजेक्ट्स पर मुहर लगाई जाएगी। फिलहाल सभी विभागों से चल रही परियोजनाओं और भविष्य में होने वाले विकास कार्यो की रिपोर्ट मांगी गई है। ताकि लैंडयूज चेंज होने के बाद परियोजनाओं पर असर न पड़े। विकास कार्यो में पीपीपी मॉडल के प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दी गई है।

व्हॉट्सएप ग्रुप तैयार किया गया

कमिश्नर डॉ। राजशेखर के आदेश पर 15 विभागों के साथ व्हॉट्सएप ग्रुप तैयार किया गया है। इसमें केडीए चीफ इंजीनियर चक्रेश जैन को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। मास्टर प्लान-2031 का खाका तैयार करने के लिए रुद्राभिषेक इंटरप्राइजेज को भी अप्वाइंट किया गया है। शहर में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की रिपोर्ट और भविष्य में होने वाले विकास कार्य की जरूरत के हिसाब से 2 अलग-अलग रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट में शहर के ब्यूटीफिकेशन वर्क को भी शामिल किया जा रहा है।

मास्टर प्लान में गंगा पर भी फोकस

मास्टर प्लान में गंगा पर फोकस रखा गया है। तटीय इलाकों में क्या विकास हो सकते हैं, जमीन का लैंडयूज क्या होना चाहिए आदि पर विचार चल रहा है। रिंग रोड, हवाई अड्डा, बस स्टैंड, सैन्य क्षेत्रों सहित तमाम प्रोजेक्ट भी इसमें प्रदर्शित किए जाने हैं। वहीं मास्टर प्लान में कुल 386 गांव शामिल किए जाएंगे। विकास के हिसाब से लैंडयूज तय किया जाएगा। इसमें केडीए सीमा के 85 गांव और अकबरपुर के 58 समेत 386 गांव शामिल हैं। इनका नए सिरे से विकास होगा।

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ट्रैफिक में होगा बदलाव

ट्रैफिक को लेकर मास्टर प्लान में बदलाव हो सकता है। इसके लिए खाका तैयार किया जा रहा है। व्यस्त सड़कों पर जाम न लगे इसके लिए भारी वाहन, चौपहिया वाहन, दोपहिया और साइकिल के लिए अलग लेन बनाई जाए।

पहली बार ये विभाग भी बनेंगे हिस्सा

जिला प्रशासन, केडीए, केस्को, नगर निगम, सिंचाई विभाग, पीडब्लूडी, जल निगम, ब्रिज कार्पोरेशन, स्मार्ट सिटी, एनएचएआई, क्षेत्रीय पर्यटन विभाग, यूपीसीडा।

आंकड़ों में

बन रहा - मास्टर प्लान 2031 तक के लिए

आबादी - 55 लाख

पेयजल की जरूरत - 88 करोड़ लीटर

शामिल हो रहे - 15 विभाग पहली बार इसका हिस्सा बनेंगे

शहर के विकास को लेकर विजन डॉक्यूमेंट और सिटी डेवलपमेंट प्लान संबंधित रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। इसको लेकर संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी गई है।

-डॉ। राजशेखर, कमिश्नर, कानपुर मंडल।

Posted By: Inextlive