'सीआईए डॉक्टर' पर देशद्रोह के मुकदमे की सिफ़ारिश
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश जस्टिस जावेद इक़बाल की अध्यक्षता में जाँच आयोग की बैठक हुई जिसमें आयोग के सदस्यों ने भाग लिया।
बैठक के बाद जारी हुए एक बयान में कहा गया है कि जाँच आयोग ने ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ़्टीनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा से विस्तृत इंटरव्यू किया और उसके बाद कुछ फ़ैसले लिए।देशद्रोह का मुक़दमाबयान में आगे कहा गया है कि आयोग ने ओसामा बिन लादेन की पत्नियों और बेटियों से भी जाँच की और अब आयोग को और जाँच के लिए उनकी ज़रुरत नहीं है।
प्रेस बयान के मुताबिक़ सरकारी दस्तावेज़ों और सबूतों के प्रकाश में आयोग ने डॉक्टर शकील आफ़रीदी के ख़िलाफ़ पाकिस्तान से देशद्गोह का मुक़दमा करने की सिफ़ारिश की है और कहा गया है कि संबंधित विभाग पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक़ मुक़मदा दर्ज करें।
डॉक्टर शकील आफ़रीदी पर आरोप है कि उन्होंने ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन की मौत से पहले एक फर्ज़ी टीकाकरण मुहिम चलाई थी और ओसामा के घर तलाश करने में अमरीकी अधिकारियों की मदद की थी।जाँच आयोग ने ऐबटाबाद स्थित ओसामा बिन लादेन के घर को स्थानीय प्रशासन के हवाले करने के लिए संबंधित अधिकारियों को कहा है ताकि क़ानून के मुताबिक़ उस उनपर कार्रवाई की जा सके।
ओसामा के परिजनों के बयानग़ौरतलब है कि जाँच आयोग ने बुधवार को ओसामा बिन लादेन की तीन पत्नियों और दो बेटियों के बयान रिकॉर्ड किए थे। जाँच आयोग ने डॉक्टर शकील आफ़रीदी का भी बयान रिकॉर्ड किया था जिसने ओसामा बिन लादेन को तलाश करने में अमरीकी अधिकारियों की मदद की थी।पाकिस्तानी अधिकारियों ने ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद उनके परिजनों को हिरासत में लिया था। अल-क़ायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद गठित इस पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जावेद इक़बाल कर रहे हैं जबकि वरिष्ठ सैन्य और प्रशासनिक अधिकारी इसके सदस्य हैं।ग़ौरतलब है कि पाकिस्तानी सरकार ने ऐबटाबाद में हुई अमरीकी सैन्य कार्रवाई की जाँच के लिए एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की थी।राजधानी इस्लामाबाद के पास स्थित ऐबटाबाद में एक और दो मई की दरम्यानी रात को हुई इस कार्रवाई में अमरीकी सैनिकों ने ओसामा बिन लादेन को मार दिया था।
अमरीका का कहना है कि इस कार्रवाई की जानकारी पाकिस्तान को नहीं दी गई थी लेकिन इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया था कि पाकिस्तानी सैन्य प्रशिक्षण केंद्र के पास पाँच साल से ओसामा के रहने की जानकारी पाकिस्तान को कैसे नहीं थी?दूसरी ओर पाकिस्तान ने इस कार्रवाई के पहले जानकारी न दिए जाने को लेकर नाराज़गी जताई थी और कहा था कि भविष्य में वह ऐसी किसी कार्रवाई को स्वीकार नहीं करेगा।